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2004 से 2009 तक यूपीए सरकार ने नहीं मनाया कारगिल विजय दिवस, पढ़िए रिपोर्ट

 

पूरा देश आज 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मना रहा है। आज ही के दिन भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के सफलतापूर्वक खत्म होने का ऐलान किया था और भारत की भूमि को घुसपैठियों से मुक्त कराया था। पूरा देश आज कारगिल विजय युद्ध दिवस युद्ध की सफलता की कहानियों को बता रहा है।

इसी बीच हम एक खबर से आपको रूबरू करा रहे हैं जो कि देश शर्मशार करने वाली है और इसमें आपको पता चलेगा की सेना का अपमान किस तरीके से यूपीए-वन की सरकार ने किया था।

बीजेपी सांसद ने पूछा था सवाल

आपको बता दें कि 2009 में जब यूपीए-2 सरकार बन गई थी उस वक्त भाजपा एमपी राजीव चंद्रशेखर ने 21 जुलाई 2009 को रक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखकर एक जवाब मांगा था। जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्यों 2004 से 2009 तक कारगिल विजय दिवस नहीं मनाया गया? इसे मनाना चाहिए। आपको बता दें कि इस पत्र का रक्षा मंत्री एके एंटनी ने करीब 1 साल बाद 16 जुलाई 2010 को दिया। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को देश को इस साल भी अमर जवान ज्योति पर जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

यही नहीं कांग्रेस के नेता और सांसद राशिद अल्वी ने तो कारगिल युद्ध को भाजपा से जोड़ दिया था। राशिद अल्वी तब सांसद थे और उन्होंने 15 जुलाई 2009 को एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कारगिल युद्ध में ऐसा कुछ नहीं है जिससे इसका जश्न मनाया जाए। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तानियों ने कब हमारी सीमा में घुसपैठ की और वहां पर स्थापित बंकर बना लिया ,हमें पता भी नहीं चला। उन्होंने कहा कि इस जीत का जश्न सिर्फ एनडीए ही मना सकती है।

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