भारत में टिक टॉक और ऐसे कई चाइनीज ऐप को बेन किए हुए करीब एक महीने से ऊपर हो चुके हैं। अब भारत के बाद अमेरिका ने भी इसी तरह टिक टॉक और वीचैट को अपने देश से नो एंट्री का साइन दिखाते हुए प्रतिबंध करने के फैसले पर हस्ताक्षर कर दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और चीन द्वारा जासूसी करने के आरोप में कई चाइनीस ऐप पर कई देशों ने संदेह जताया था। जिसको लेकर अलग-अलग देशो मेंअपने तरीके से कार्रवाई की जा रही है।
टिक टॉक का नाम चीनी ऐप में सबसे आगे इसलिए रहता है क्योंकि इसके उपभोक्ता हर देश में बड़ी तादाद में है। कई बार इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने यह पाया है कि यह ऐप बिना उपभोक्ता की इजाजत से उनके फ़ोन से कई डाटा चुरा रहा था।
भारत के बाद अमेरिका दुनिया में टिक टॉक के उपभोक्ताओं के मामले में दूसरे नंबर पर था। इसको देखकर यही लगता है कि टिक टॉक का अब वैश्विक बाजार कई हद तक खत्म होने के कगार पर पहुंच चुका है। हाल में टिक टॉक के व्यापार को अमेरिका की माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने खरीदने की पेशकश की है।
कब से बंद होगा टिक टॉक ?
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने टिक टॉक के साथ दूसरे चाइनीज ऐप वीचैट पर रोक लगाने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसकी चर्चा लगातार कई दिनों से चल रही थी। हस्ताक्षर के 45 दिन बाद आदेश लागू हो जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर करते हुए इसको सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है। डॉनल्ड ट्रंप ने पहले ही अपने सभी सैनिकों, पुलिसकर्मियों और हथियार के परिवहन से जुडे़ लोगों को इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।