अमन वर्मा
कोरोना वायरस भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है, हालांकि इस बीमारी से मृत्यु दर में बड़ी गिरावट आई है। इसी बीच वैक्सिन बनने की होड़ भी तेज हो गई है, और और इसी कड़ी में नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति आज बैठक करेगी और COVID-19 वैक्सीन की खरीद मूल्य और वितरण के पहलुओं पर विचार करेगी। आपको बता दें कि मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति पुनीत, ने बड़ा दावा किया था कि उसने COVID-19 कोरोनो वायरस के खिलाफ “स्थायी प्रतिरक्षा” की पेशकश करते हुए दुनिया का पहला कोविद टीका विकसित किया है। हालांकि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि क्लिनिकल परीक्षण अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है और अंतिम चरण का परीक्षण 2,000 से अधिक लोगों पर किया जाएगा जिसे आज यानी बुधवार शुरू होना है।
भारत में, वैक्सीन पर पर वी.के पॉल समिति राज्य सरकारों और वैक्सीन निर्माताओं सहित सभी हितधारकों के साथ बैठक करेगी और इसके संदर्भ में उपयुक्त टीकों का चयन, उनकी खरीद और वितरण और उन्हें प्रबंधित करने के आज की बैठक में विचार करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि, ” कोल्ड चेन और इनवेंटरी जैसे लॉजिस्टिक्स से जुड़े पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा, वैक्सीन की खरीद के लिए संसाधनों की व्यवस्था भी एक बड़ा मुद्दा होगा। यह विशेषज्ञ समूह भारत में सभी राज्य सरकारों और वैक्सीन निर्माताओं के साथ अपना जुड़ाव जारी रखेगा।”
तीन वैक्सीन निर्माता भारत में HUMAN TRIAL के विभिन्न चरणों में हैं। तीन निर्माताओं ने से दो का चरण -1 और 2 यानी HUMAN TRIAL, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और Zydus Cadila Ltd के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है।
तीसरे निर्माता यानी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सिन को स्टेज 2 और 3 के HUMAN TRIAL के संचालन की अनुमति दी गई है। आपको बता दें कि पुणे स्थित इस संस्थान ने वैक्सिन निर्माण के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ समझौता किया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसने भारत जैसे अन्य निम्न और मध्यम-आय वाले देशों के लिए टीकों की 100 मिलियन से अधिक खुराक के निर्माण और वितरण में तेजी लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थान बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ एक नई साझेदारी की है। जिस समझौते की खबर जन की बात ने पहले हीं दे दी थी।