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सऊदी अरब के सामने पाकिस्तान को दादागिरी करनी पड़ी महंगी, जानिए वजह

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के रिश्ते बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे है। सऊदी अरब पाकिस्तान से इस कदर नाराज है कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा को सऊदी अरब का दौरा करना पड़ रहा है। सऊदी अरब की नाराजगी की बड़ी वजह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री द्वारा दिए गए गलत बयानों को माना जा रहा है।

पाकिस्तान को ऑयल भेजना किया बंद

सऊदी अरब ने पाकिस्तान को ऑयल भेजने पर पूर्णता पाबंदी लगा दी है। पाकिस्तान ने पिछले साल सऊदी अरब से लगभग 6.2 अरब डॉलर का लिया था। जिसमें से 3.2 अरब डॉलर का कर्ज कच्चे तेल के क्रेडिट के रूप में था। पाकिस्तान को यह कर्ज 1 साल में चुकाना था। लेकिन वह कर्ज नहीं चुका पाया। कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान ने चीन से एक अरब डॉलर का कर्ज लेकर सऊदी अरब को पहली किस्त चुकाई।

कश्मीर मुद्दे को उठाना पड़ रहा है अब महंगा

पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर मुद्दे के ऊपर इस्लामिक मुल्कों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन की बैठक बुलाना चाहता है। जिस पर सऊदी अरब उससे सहमत नहीं है। इस मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तान मुस्लिम संगठनों का एक अलग ग्रुप बना कर कश्मीर मुद्दे पर बैठक बुला लेगा और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन एकमात्र मुस्लिम न्यूक्लियर कंट्री को खो देगा। वर्तमान में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन 57 मुस्लिम देश शामिल है।

ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन पाकिस्तान को छोड़ने की धमकी पर क्यों तिल मिलाया सऊदी अरब

ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन 57 मुस्लिम देशों का एक पावरफुल संगठन है। वर्तमान में मुस्लिम बड़ी शक्तियों की बात की जाए तो उसमें सऊदी अरब, तुर्की, ईरान शामिल है। यदि पाकिस्तान ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन छोड़ता है तो विश्व में इस ग्रुप की ताकत कम पर कम हो जाएगी। सऊदी अरब ने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन बनाने के लिए बेतहाशा पैसा भी बहाया है।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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