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सच की जीत हुई:- मुम्बई कोर्ट से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ को जमानत मिली

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के ख़िलाफ़ तानाशाही रवैया अपनाए हुए मुंबई पुलिस को एक बार फिर से कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी है। आपको बता दें कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकासखंड खंचनदानी को मुंबई कोर्ट ने जमानत दे दी है। आपको बता दें कि मुंबई पुलिस लगातार रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के कर्मचारियों और अधिकारियों को परेशान कर रही है, क्योंकि सुशांत, पालघर मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने मुंबई पुलिस पर सवाल खड़े किए थे और उनसे कठिन सवाल पूछे थे। इसके बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर फर्जी टीआरपी का मुकदमा दर्ज किया गया था और उसी मामले में लगातार कर्मचारियों और अधिकारियों को मुंबई पुलिस परेशान कर रही है। इसके पहले कोर्ट में मुंबई पुलिस को हर बार की तरह इस बार भी मुंह की खानी पड़ी है। मुंबई कोर्ट ने विकास खंचनदानी को जमानत दी है।

 

रविवार सुबह मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास कंचनदानी को गिरफ्तार किया था। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ को उनके घर से गिरफ्तार किया गया और यह गिरफ्तारी बिना किसी पेपर के हुई थी। आपको बता दें कि रिपब्लिक मीडिया के नेटवर्क के सीईओ की तरफ से कोर्ट में एंटी सेपेट्री बेल भी फाइल की गई थी लेकिन पुलिस पर उससे कोई फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि मुंबई पुलिस लगातार कोर्ट को दरनिकार करते हुए और बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को लगातार निशाना बना रही है।

 

इसके पहले रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के चीफ अर्नब गोस्वामी को भी मुंबई पुलिस ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया था। आज के ठीक 42 दिन पहले अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप किसी की पर्सनल लिबर्टी के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते और उस समय बॉम्बे हाईकोर्ट को भी नसीहत दी थी। साथ ही साथ मुंबई पुलिस को भी फटकार लगाई थी। लेकिन मुंबई पुलिस एक बार फिर से 39 दिन बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ को बिना किसी कागज दिखाएं गिरफ्तार कर लेती है। उनके घर से उन्हें अरेस्ट किया जाता है और पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी में ले जाती हैं। आपको बता दें यह गिरफ्तारी ठीक 4 दिन बाद उस समय की गई थी ,जब रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क मानव अधिकार आयोग पहुंचा था। आपको बता दें कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क मुंबई पुलिस की तानाशाही के खिलाफ मानव अधिकार आयोग पहुंचा है। 10 नवंबर को मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट घनश्याम सिंह को गिरफ्तार किया था और पुलिस कस्टडी के दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था, साथ ही उन्हें पीटा भी गया था। इसके बाद उनकी पर्सनल लिबर्टी के आधार पर रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क मानव अधिकार आयोग पहुंचा और अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के कंसल्टिंग एडिटर प्रदीप भंडारी को भी मुंबई पुलिस लगातार परेशान करते हुए हर हफ्ते समन करती है और उन्हें मुंबई बुलाती है।

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