हर्षित शर्मा
उदय पासवान बिहार के गया जिले में अम्बेडकर नगर के रहनेवाले हैं। उदय के इकलौते बेटे अमन नागेसान चीन की राजधानी बीजिंग से 100 किलोमीटर दूर स्थित टियांजे शहर में पढ़ते थे। अमन की उम्र मात्र 20 साल थी और अमन तियांजे यूनिवर्सिटी से बिज़नेस स्टडीज की पढ़ाई कर रहे थे।
अमन पिछले दो साल से चीन में पढ़ाई कर रहे थे। अमन का परिवार अमन को चीन में पढ़ाई करता देख और तरक्की करता देख बहुत खुश थे। लेकिन 29 जुलाई की रात को तीयांजे यूनिवर्सिटी से अमन के घर पर एक फोन आता है और अमन के परिवार को बताया जाता है कि उनके इकलौते बेटे अमन नगेसान की मृत्यु हो गई है।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने अमन के चाचा को बताया की अमन का शव संदिग्ध रूप से टीयांजे यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के कमरा नंबर 609 में पाया गया। खबर मिलने के बाद अमन के परिवार ने चीन में भारतीय दूतावास को मेल लिखा और मामले की गौर फरमाने की बात कही। भारतीय दूतावास ने अगले कुछ घंटो में अमन के जीवित ना होने की बात की पुष्टि की और तियंजे यूनिवर्सिटी से आए कॉल को सही बताया।
अमन के परिवार पर एकाएक मानों दुखो का पहाड़ टूट पड़ा। इस संकट की घडी में मन को हतात करने वाली बात ये है कि मृत्यु के 4 दिन बीत जाने के बाद भी अमन का पार्थिव शरीर भारत नहीं पहुंच पाया है।
जनता का मुकदमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने अमन के परिवार के इस दुख को देश के सामने रखा और परिवार के लिए न्याय का मुकदमा लड़ा। अमन के पिता भी शो में जुड़े और और उन्होंने अपनी बात देश के सामने रखी।
अमन के पिता ने भावुक होकर अपनी बेटे की मृत्यु को अकस्मात मृत्यु ना बता कर एक हत्या बताया। उदय पासवान ने बताया की 24 जुलाई के बाद से ही अमन का फोन स्विच ऑफ आ रहा था और उनका अमन से कोई संपर्क नहीं था। यूनिवर्सिटी में शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अमन के पिता ने भावुक होकर प्रदीप भंडारी को उनकी आवाज़ बनने का धन्यवाद किया और उनके बेटे अमन के पार्थिव शरीर को वापस लाने की गुहार लगाई।