देश आजादी के 75 साल मनाने जा रहा है। इन सात दशकों में देश की राजनीति ने बहुत से उतार चढ़ाव देखे हैं लेकिन इतने उतार चढ़ाव के बाद भी देश की अखंडता पर कोई आंच नहीं आई है। भारत पूरी दुनियां को वसुधैव कुटुंबकम् का नारा देता रहा और आपसी भाईचारे की मिसाल बनता रहा।
देश में प्रत्येक धर्म के लोग होने के बावजूद भी भारत की अस्मिता और सौहार्द पर आंच नहीं आई। परंतु आजदी के सात दशक बाद भी देश में यदि कहीं भी सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होता है तो ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। रविवार को राजधानी दिल्ली में मौजूद जंतर मंतर कुछ इसी तरह का वाक्यात हुआ।
हिन्दू सुरक्षा दल के सदस्य पिंकी चौधरी और उनके अनुयायिओं ने मुस्लिम समाज के लोगों के खिलाफ नफरत पैदा करने वाली बाते कहीं और देश की अखंडता को चोट पहूचाने वाले शब्द कहे। उस दौरान
अश्विनी उपाध्याय जो की पेशे से एक वकील हैं और समाज में परिवर्तन लाने के लिए निरंतर प्रयास करते आए हैं, भी मौजूद रहे। दिल्ली पुलिस ने उनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया और इसके चलते उन्हें गिरफ्तार भी किया। हिरासत में लिए जाने के बाद आज अश्विनि उपाध्याय बेल पर बाहर आए और जनता का मुक़दमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंदारी के खास मेहमान के तौर पर मौजूद रहे।
अश्विनी उपाध्याय ने प्रदीप से सीधे तौर पर बात की। बहुत से झूटे आरोपों को ठुकराया और बहुत से तथ्यों को स्वीकार भी किया। प्रदीप भंडारी ने अश्विनी उपाध्याय से सीधे तौर पर सवाल किया की पिंकी चौधरी और अश्विनी उपाध्याय के क्या संबंध है? इसपर जवाब देते हुए अश्विनी उपाध्याय जी ने बताया की अश्विनी उपाध्याय के पिंकी चौधरी से किसी भी तरह के संबंध नही है।
दिल्ली पुलिस पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि लाल किले पर गैर कानूनी तरीके से अपना झण्डा फहराने वालो को गिरफ्तार ना करके दिल्ली पुलिस उन जैसे निर्दोष लोगों को क्यों गिरफ्तार करती है?
जब प्रदीप भंडारी ने अश्विनि उपाध्याय से पूछा कि क्या वो जंतर मंतर पर नारे लगाने वालो को सजा मिलने के पक्ष में हैं या नहीं तो इस पर उन्होंने कहा कि अगर वीडियो सही है तो आरोपियों को सजा होनी चाहिए।
अश्विनि उपाध्याय ने अप्रत्यक्ष रूप से वायरल वीडियो के औचित्य पर भी सवाल उठाए हैं। आपका इसपर क्या विचार है?