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सोनीपत में बहू से प्रताड़ित होकर परिवार के 3 सदस्यों ने की आत्महत्या, ऐसे में पुरुषों के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए: सामाजिक कार्यकर्ता बरखा त्रेहान

पूरे देश में नवरात्रों का त्यौहार पूरे धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है।नवरात्रों का पर्व मांदुर्गा के नौरूपोंके साथ साथ देश की प्रत्येक नारी को भी समर्पित है।

आधुनिक इस युग में नारी सशक्तिकरण अपने चरम पर है और नवरात्रों को त्यौहार को भी अब कुछ लोग उसी नजर से देखते है। किंतु ऐसे समय जब नारी सशक्तिकरण अपने चरम पर है और कानून भी महिलाओं के अधिकारों को लेकर समर्पित है। तो वही देश में कही ना कही पुरुष के अधिकारों को भी तय किया जाए। के

ऐसा ही एक मामला सोनीपत की महावीर कॉलोनी में सामने आया है। बहू द्वारा पुलिस को दी गई प्रताड़ना की शिकायत के बाद उसके पति, सास और ससुर ने जहर निगल लिया। तीनों को गंभीर हालत में सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां तीनों की उपचार के दौरान मौत हो गई।

 

सोनीपत में बहू से प्रताड़ित होकर परिवार के 3 सदस्यों ने की आत्महत्या, ऐसे में पुरुषों के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए: सामाजिक कार्यकर्ता बरखा त्रेहान

महावीर कॉलोनी निवासी अंकित की पत्नी डॉली ने अपने ससुर दिनेश, सास ब्रजेश और पति अंकित के खिलाफ थाने में उत्पीड़न की शिकायत दी थी। आरोप है कि उन्होंने अंकित व उनके माता-पिता के साथ कहासुनी की थी।

इससे आहत होकर गुरुवार सुबह तीनों ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई खास सक्रियता नही दिखाई है। दिल्ली से पॉलिटिकल एक्टिविस्ट बरखा त्रेहान की अगुवाई में उनका सामाजिक संगठन पुरुष अधिकार आयोग जब इस मामले का संज्ञान लेने पहुंचा तो उन्होंने पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग रखी हैं।

बरखा त्रेहान का मानना है कि आज की आधुनिक युग में जब अधिकतम कानून महिलाओं के हित में है तो महिलाएं उन कानूनों को दुरुपयोग कर कर पुरुषों को प्रताड़ित करती हैं और कानून को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

 

साथ ही उन्होंने कहा की इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता बरखा त्रेहान ने अपनी बात को जारी रखते हुए जन की बात से कहा कि, हमे महिलाओ के अधिकारों के साथ पुरुषों के अधिकारों पर भी चिंतन करना चाहिए। हालही की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की आज की घटना से एक पूरा परिवार नष्ट हो गया हैं अब इस घर में सिर्फ एक लड़की बची है आखिर इसमें गलती किसकी है?

अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि,कानून अगर सबके लिए समान है तो फिर पुरषों को भी उनका अधिका मिलना चाहिए

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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