खुशी गुप्ता, जन की बात
2022 में होने वाले यूपी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की ‘तुलना’ खुंखार आतंकी संगठनों बोको हराम और इस्लामिक स्टेट से करके भारत के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। बोको हराम और आईएसआईएस दोनों ही ऐसे आतंकी संगठन हैं जिनकी क्रूरता सुनकर इंसान की रूह कांप जाती है। इंसान की गला काटकर हत्या करना, मासूम बच्चियों का अपहरण और कट्टर इस्लामिक शरिया कानून लागू करने के लिए हिंसा इन दोनों ही आतंकी संगठनों का प्रमुख पेशा है।
बता दें कि सलमान खुर्शीद ने अयोध्या विवाद पर लिखी है जिसका नाम ‘सनराइज ओवर अयोध्या” है। नेशनहुड इन ऑवर टाइम्स’ में कहा गया है, ‘साधु-संत जिस सनातन धर्म और क्लासिकल हिंदुत्व को जानते हैं, उसे किनारे करके हिंदुत्व के ऐसे वर्जन को आगे बढ़ाया जा रहा है जो हर पैमाने पर आईएसआईएस और बोको हराम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों के राजनीतिक रूप जैसा है।’ उन्होंने दावा किया है कि हिंदुत्व का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जाता है। चुनावी रैलियों में इसका जिक्र भी होता है।
आपको ये भी बता दें कि कांग्रेस नेता खुर्शीद ने जिस बोको हराम से हिंदुत्व की तुलना की है, वह अफ्रीकी देश नाइजीरिया में साल 2009 से लेकर अब तक 3.50 लाख लोगों की हत्या कर चुका है। इस हिंसा की वजह से देश में 30 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। वहीं 3 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी है। बोको हराम के लिए नरसंहार करना एक पेशा बन गया है। आलम यह है कि बोको हराम की क्रूरता से निपटने के लिए अमेरिका को नाइजीरिया में सेना तैनात करनी पड़ी है।