ऋषभ सिंह, जन की बात
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, परमबीर सिंह को तब तक राहत नहीं दी जा सकती, जब तक वे ये नहीं बताएंगे कि वो कहां हैं।
दरअसल परमबीर सिंह ने गिरफ्तारी से राहत की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने मांग को ठुकराते हुए पूछा, “पहले यह बताइए कि आप हैं कहां? भारत में हैं या बाहर? इसके बिना याचिका नहीं सुनी जा सकती” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आरोपी जांच में शामिल नहीं हुआ, वकीलों को भी नहीं पता कि वह कहां हैं?
मुंबई में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को एक बड़े घटनाक्रम में शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को उनके खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया। अदालत का यह फैसला मुंबई पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन के बाद सामने आया है, जिसमें परमबीर सिंह को ‘भगोड़ा’ घोषित करने की मांग की गई थी, जो कि कई महीनों से लापता हैं। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा, “पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भगौड़ा अपराधी घोषित करने के मुंबई पुलिस के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है”
पुलिस की याचिका को स्वीकार करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस. बी. भजपले ने सिंह के खिलाफ आदेश पारित किया। इससे पहले, मुंबई और ठाणे की अदालतों ने मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जो वर्तमान में महाराष्ट्र होम गार्डस के महानिदेशक के रूप में नामित हैं. इससे पहले मुंबई की अपराध शाखा ने पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह को उपनगर गोरेगांव में एक पुलिस थाने में उनके एवं अन्य के खिलाफ दर्ज वसूली के मामले में भगोड़ा आरोपी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
आप किसी जांच में शामिल क्यों नहीं हुए- सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि आप किसी जांच में शामिल नहीं हुए हैं और आप सुरक्षा आदेश मांग रहे हैं। हमारा शक गलत हो सकता है लेकिन अगर आप कहीं विदेश में हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं तो हम इसे कैसे दे सकते हैं?