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आखिर पीएम मोदी ने कौन से तीन संकल्पों की मांग जनता से की? पढ़िए पूरी रिपोर्ट

चंदन पांडे, जन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का लोकार्पण किया और अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जनता को भगवान बताया और उनसे तीन चीजों की मांग की :-

1.स्वच्छता 2.सृजन 3.आत्मनिर्भर

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि गुलामी के लंबे समय ने हम भारतीयों के आत्मविश्वासता को ऐसा तोड़ा कि हम अपने ही सृजन पर विश्वास खो बैठे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हजारों साल पुरानी इस काशी नगरी से मैं हर देशवासी का आह्वान करता हूं की पूरे आत्मविश्वास से सृजन करिए,आत्मनिर्भर बनिए,अपने घर, मुहल्ले, शहर को स्वच्छ रखिए और स्वस्थ रखिए । प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए जनता भगवान का ही रूप है, हर भारतवासी ईश्वर का अंश है और हम आज अपने ईश्वर से यही तीनों माँग करते हैं । पीएम मोदी ने कहा कि ये आजादी का अमृतकाल है। हम आजादी के 75 वें साल में हैं और मेरी आंतरिक इच्छा है कि जब भारत सौ साल की आजादी का समारोह मनाएगा तब का भारत कैसा होगा? इसके लिए हमें अभी से काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि काशी अहिंसा, तप और जैन तीर्थंकरों की धरती है । राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा से लेकर वल्लभाचार्य, रमानन्द जी के ज्ञान तक, चैतन्य महाप्रभु,समर्थगुरु रामदास से लेकर स्वामी विवेकानंद,मदनमोहन मालवीय , कितने ही ऋषियों का संबंध काशी की धरती से रहा है ।

स्वच्छता पर जोर देते हुए पीएम ने कहा प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण व शहरी इलाकों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए शौचालयों का निशुल्क निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण के लिए 12,000 रुपये प्रदान कर रही है।

आज का दिन श्री काशी धाम ,वहां की जनता और पीएम के लिए भी बहुत ही खास रहा ।

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