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पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह और अहिल्याबाई होलकर को पीएम ने क्यों किया नमन? पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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चंदन पांडे, जन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। बताते चले कि वाराणसी में करीब 339 करोड़ रुपए की लागत से विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पहले फेज का उद्घाटन हुआ है । अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि जब मैं बनारस आया था तब एक विश्वास लेकर आया था और खुद से ज्यादा विश्वास बनारस के लोगों पर था। पीएम ने महारानी अहिल्याबाई का जिक्र करते हुए कहा कि काशी भारत की आत्मा का एक जीवंत अवतार भी है ।

काशी में मंदिर तोड़ा गई तो महारानी अहिल्याबाई होलकर ने इसका निर्माण करवाया। मैं उन्हें बारम्बार नमन करता हूं और दावे से कहना चाहता हूं कि महारानी अहिल्याबाई होलकर के बाद काशी के लिए इतना काम अब जाकर हुआ है। सबसे पहले महाराजा रंजीत सिंह जी ने मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़वाया था ,ये बात अविस्मरणीय है।

पीएम में कहा श्री काशी विश्वनाथ धाम में जो होता है वो सिर्फ और सिर्फ परमपिता महादेव की कृपा से होता है। महादेव ने ही कहा था मेरे ईच्छा के विरुद्ध यहाँ कोई नहीं आ सकता है। काशी तो, काशी है, काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है जिनके हाथों में डमरू है, उनकी ही सरकार है और रहेगी । यहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती है उस काशी को भला कौन रोक पाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के ताकत पर कुचलने और तोड़ने की बहुत बार कोशिश की। लेकिन इस काशी की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है । पीएम ने कहा आज समय का फेर तो देखिए, औरंगजेब जैसे आतंक के वो पर्याय इतिहास के काले पन्नों में सिमट कर रह गए हैं और मेरी काशी आगे बढ़कर अपने गौरव को नई भव्यता दे रही है।

पीएम ने कहा कि यहां का हर पत्थर शंकर है, इसलिए हम अपनी काशी को सजीव मानते हैं। इसलिए देश के कण-कण में हमें मातृत्व के भाव की अनुभूति होती है। धन्य है ये काशी की धरती और यहां के लोग। जिस तरह काशी अनंत है वैसे ही काशी का योगदान भी अनंत है। हर भाषा वर्ग के लोग यहां आते हैं और यहां से अपनापन महसूस करते है ।

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