पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार हरिश खेरे ने एक आर्टिकल के माध्यम से बहुत ही शर्मनाक और विवादित बयान दिया है। उन्होंने देश के शहीद वीर योद्धा और हिंदुस्तान के प्रथम CDS विपीन रावत पर विवादित लेख लिखते हुए कहा कि विपीन रावत के विरासत को देश को भुला देना चाहिए।
जनता के वकील प्रदीप भण्डारी ने आज जनता का मुकदमा ये हिंदुस्तान की आम जनता के सामने रखा और कहा कि मुझे आप सब देशवासियों से सिर्फ एक बात का जबाब चाहिए कि देश के जिस वीर सपूत की चिता की आग अभी ठण्डी भी नहीं हुई, जिसके बेटी और परिवार के आँसू भी नहीं सूखे, सारा देश जिस वीर शहीद के जाने के गम में डूबा है ,वैसे वीर योद्धा का अपमान क्या ठीक है ? क्या हम एक पार्टी विशेष के पूर्व मीडिया सलाहकार के कहने पर विपीन रावत जी के विरासत को भूल जाएं ? मेरा सवाल आज ये है की हरीश खरे जैसे लोग किसी के क्या सलाहकार होंगे और ये किस प्रकार के जॉर्नलिज्म है ?
हरीश खरे ने कहा है कि जनरल CDS रावत किसी तरह युद्ध-नायक नहीं थे और न ही वे कुशल नेता थे। उन्होंने सुंदरजी के साँचे में एक तेजतर्रार सिपाही नहीं बनाया। कुछ भी हो, एक सैनिक के रूप में वह निश्चित रूप से तेजतर्रार थे। फिर भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके आकस्मिक और दुखद निधन ने वास्तविक राष्ट्रव्यापी शोक को जन्म दिया,लेकिन उनकी विरासत को देश को याद रखने की जरूरत नहीं है ।
प्रदीप भंडारी ने कहा इस तरह के शर्मनाक बयान देश के लिए बहुत ही दुःख की बात है ।