हिंदुस्तान में निष्पक्ष वोटिंग कराने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में चुनाव सुधार बिल लाया और विपक्ष के हंगामे के बीच ये बिल लोकसभा से पास भी हो गया ,इस बिल के पास होने के बाद विपक्ष के नेताओं की केंद्र के खिलाफ बयानबाजी जारी है ।
आज फिर से चुनाव सुधार बिल विधानसभा से भी विपक्ष के पुरजोर हंगामे और विरोध के बाद पास किया गया । प्रदीप भण्डारी ने पूछा आख़ीर इस बिल के आने से विपक्ष ही इतना ज्यादा परेशान क्यों है ,क्या विपक्ष को अपने देश के कानून व्यवस्था पर विश्वास नहीं है ?
प्रदीप भण्डारी ने कहा आइये सबसे पहले जानते हैं कि ये चुनाव सुधार बिल क्या है और इससे क्या होगा ,क्या इसका नकारात्मक प्रभाव वोटरों पर पड़ेगा ?
प्रदीप भण्डारी ने बताया कि चुनाव सुधार बिल में हिंदुस्तान के सभी वोटरों के आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से लिंक किया जाएगा ,ये बहुत जरूरी था क्योंकि इसके बाद किसी भी वोटर के मताधिकार का दुरुपयोग असंभव हो जाएगा । आज के आधुनिक और डिजिटल युग में भी बहुत सारे वोटरों ने देश के कई राज्यों के वोटर कार्ड बना रखे हैं , और कई तो ऐसे लोग भी हैं जिनके वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल दूसरे लोग कर लेते हैं ,क्योंकि अधिकतर वोटर कार्ड में वोटरों की तस्वीर साफ नहीं होती है और नहीं आधार कार्ड की तरह इसमें फिंगर प्रिंट की जरूरत होती है । इन सभी खामियों और लोगों के मताधिकार को सही करने के लिए ये एक बहुत ही अच्छा कदम है।
वहीं केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बिल पास होने के बाद कहा कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट के साथ जोड़ना अनिवार्य नहीं है। ये स्वैच्छिक है। ये वैकल्पिक है। इससे एड्रेस पता करने में मदद होगी, फर्ज़ी वोटिंग को रोकने में मदद होगी।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के मुताबिक, चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा । वर्तमान चुनावी कानून के प्रावधानों के तहत, किसी भी सैन्यकर्मी की पत्नी को सैन्य मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की पात्रता है, लेकिन महिला सैन्यकर्मी का पति इसका पात्र नहीं है। अब लोकसभा और विधानसभा से मंजूरी मिलने पर स्थितियां निश्चित रूप से बदल जाएंगी ।