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असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा के ड्रग मुक्त असम आभियान को बड़ी सफलता, पढ़िए रिपोर्ट

असम सरकार और पुलिस असम में ड्रग माफियाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। असम में जबसे हेमंता बिस्वा शरमा मुख्यमंत्री बने हैं उसके बाद से ही आसन सरकार का ड्रग माफियाओं के खिलाफ कड़ा रवैया है और करोड़ों की नशीली दवाएं और ड्रग रैकेट पकड़ा जा चुका है। ड्रग माफियाओं के खिलाफ लड़ाई को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शरमा खुद लीड कर रहे हैं। हेमंत विश्व शरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2 महीनों के अंदर ही असम सरकार को ड्रग माफियाओं के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली थी और महज सरकार बनने के 2 महीने के बाद ही करीब ₹170 करोड़ के ड्रग को असम सरकार ने जब्त किया था।

नए साल के मौके पर 3 जनवरी को भी असम पुलिस ने एक बड़े ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया और मुख्यमंत्री के ड्रग मुक्त असम अभियान को बड़ी सफलता भी मिली। साथ ही एक महत्वपूर्ण व्यक्ति की गिरफ्तारी भी की। करीब 500 ग्राम अवैध मादक पदार्थ भी बरामद किया। पुलिस की इस कार्रवाई पर हेमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट कर प्रसन्नता जाहिर की और गुवाहाटी पुलिस को धन्यवाद दिया और सराहना की।

18 जुलाई 2021 को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शरमा ने सार्वजनिक जगह पर करीब 170 करोड़ों की ड्रग को प्रशासन की मदद से जलाया था और ड्रग माफियाओं को कड़ा संदेश दिया था। देश में ऐसा पहली बार हुआ था कि कोई मुख्यमंत्री खुद खड़े होकर करोड़ों के ड्रग को जला रहा था। असम के मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा था कि असम में हर साल अवैध मादक पदार्थों का व्यापार करीब 5 हजार करोड़ का होता है। उन्होंने प्रशासन को अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया है।

असम के मुख्यमंत्री ने अपने एक बयान में कहा था कि अगर एक व्यक्ति परिवार का ड्रग लेता है तो सिर्फ व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है। परिवार के सदस्यों को परेशान करके पैसा अर्जित कर अवैध मादक पदार्थों का सेवन करता है। फिर यही लोग अपराधिक गतिविधियों में भी शामिल होते हैं। उन्होंने कहा था कि ड्रग्स के खिलाफ हमारी लड़ाई 3 चरणों में होगी। पहला चरण होगा कि हम आप आपूर्ति तंत्र को रोके और फिर उसके बाद वितरण तंत्र पर प्रहार करें और तीसरे चरण में नशे के आदी हो चुके लोगों का पुनर्वास कर उन्हें सुधारें।

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