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प्रदीप भंडारी की मुहीम के बाद 31 साल बाद कोर्ट से उम्मीद

पत्रकार प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा के माध्यम से सबसे पहले #HangBittaKarate मुहिम की शुरुआत की थी और उसके बाद से ही कश्मीरी हिंदू लंबे समय से प्रदीप भंडारी के अभियान का समर्थन करते आ रहे हैं। दरअसल हाल ही में विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) की फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस फिल्म के बाद 14 मार्च से प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा के माध्यम से पूरे देश में कश्मीरी पंडितों (Justice For Kashmiri Pandit) के लिए न्याय और हैंग बिट्टा कराटे (Hang Bitta Karate) मुहिम पर आवाज उठाई। इसी फिल्म में दिखाया गया था कि बिट्टा कराटे (Bitta Karate)किस तरह कश्मीरी पंडितों के साथ खून का खेल खेलता है।

आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन होने जा रहा है क्योंकि प्रदीप भंडारी की मुहिम के बाद आज 31 साल बाद श्रीनगर की अदालत में बिट्टा कराटे मामले पर सुनवाई शुरू हुई।

सतीश टिक्कू की हत्या के मामले में दाखिल याचिका

आतंकी बिट्टा कराटे जिसका फिल्म में दिखाया गया एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। उस इंटरव्यू में आप देख सकते हैं कि बिट्टा कराटे एक सवाल के जवाब में कहता है कि उसने 20 से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया था। आतंकी बिट्टा कराटे ने सबसे पहले  सतीश टिक्‍कू को जान से मारा था। सतीश टिक्कू उसका दोस्त था लेकिन पाकिस्तान परस्त लोगों के संपर्क रहने के बाद उसने यहां तक कह दिया था कि कश्मीर की आजादी के लिए तो वो अपनी मां और भाई का गला भी काट देता। अब सतीश टिक्कू के परिवार ने कोर्ट में अर्जी दायर की है। अदालत इस पर सुनवाई भी करने को तैयार भी हो गया है।

प्रदीप भंडारी की मुहिम के बाद आज 31 साल बाद फिर कोर्ट से आस

परिवार की अर्जी पर श्रीनगर की अदालत पर बुधवार को सुनवाई हुई। बिट्टा कराटे पर आरोप है क‍ि उसने 31 साल पहले सतीश टिक्‍कू की हत्‍या की और फिर कई कश्‍मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया। उसने टीवी पर कई इंटरव्यू में हत्‍या की बात कबूल भी की है। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के 31 साल बाद बिट्टा कराटे के खिलाफ दायर केस दोबारा खोलने की मांग की गई है।

इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता पीड़ित सतीश टिक्कू के परिवार से याचिका की हार्ड कॉपी दाखिल करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने बिट्टा कराटे के वकील से भी हार्ड कॉपी प्रस्ताव दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में 16 अप्रैल को फिर सुनवाई होगी।

https://twitter.com/jankibaat1/status/1509043933107539972?t=5cdgwy0Pe3JUufYo0WUfTg&s=08

कौन है बिट्टा कराटे ?

The Kashmir Files फिल्म के बाद से जिस बिट्टा कराटे की चर्चा हो रही है असल में उसका नाम फारुक अहमद डार है। इसके बचपन का नाम बिट्टा है। और ये बचपन से ही कराटे सीखता था और इसमें माहिर हो गया। इसलिए लोग उसे बिट्टा कराटे कहने लगे थे। बिट्टा कराटे JKLF यानी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का आतंकी रहा है। बाद में बिट्टा कराटे की चर्चा अलगाववादी नेता के रूप में होने लगी थी। अलगाववादी नेता यासीन मलिक की तरह ही बिट्टा कराटे हत्याएं करने के बाद कहता था कि अब बातचीत के जरिए कश्मीर समस्या का हल निकाला जाए।

कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामलों में पहली बार साल 1990 में ही बिट्टा कराटे को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, बिट्टा कराटे ने कोर्ट में इन कत्लेआम को अंजाम देने से साफ मुकर गया था। आखिरकार केस चलता रहा। और फिर टाडा कोर्ट में उसके खिलाफ सही तरीके से सबूत और पक्ष नहीं रखे जाने की वजह से 2006 में बिट्टा कराटे को जमानत पर रिहा कर दिया था।

लेकिन साल 2019 में जब पुलवामा में सेना पर आतंकी हमला हुआ था तब फिर से बिट्टा कराटे चर्चा में आया था। इस वारदात में बिट्टा कराटे पर टेरर फंडिंग का आरोप लगा। जिसके बाद NIA ने बिट्टा कराटे को गिरफ्तार कर लिया था। इस हमले के बाद ही केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ संगठन को बैन कर दिया था। उसी समय से बिट्टा कराटे जेल में है।

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