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प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा में उठाया करौली हिंसा मामला

राजस्थान के करौली में हुई हिंसा के बाद से स्थिति जमीन पर सामान्य नहीं हुई है. अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है और पुलिस की तैनाती भी देखने को मिल रही है. इस बीच अब अजमेर के कलेक्टर ने शहरी, ग्रामीण इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है. सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के ख़ुफ़िया रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया गया है.शुक्रवार को जनता का मुकदमा के प्राइम टाइम शो में प्रदीप भण्डारी ने इसी मुद्दे पर मुकदमा किया.

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, ‘आज मैं अपने मुकदमा पर 6 वीडियो दिखाऊंगा जो यह साबित कर देगा कि किस तरीके से करौली के षड्यंत्र, और करोली के दंगे पूर्व नियोजित थे. यह दंगे एकदम से नहीं हो गए थे, यह सवाल गहलोत सरकार और कांग्रेस सरकार से पूछा जाएगा कि पूर्व नियोजित षड्यंत्र पर इन्होंने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?

पुलिस कर्मियों के सामने दंगाई लाठी लिए खड़े हैं

अगर आप पहली वीडियो में ध्यान से देखेंगे तो आपको इस वीडियो में पुलिस वाले दिखेंगे और पुलिस वालों के सामने दंगाई हाथ में लाठी लिए दंगा कर रहे हैं. पूरे वीडियो में देखा गया है कि, पुलिस वाले मूल दर्शक बने हुए कुछ नहीं कर रही है. पुलिस के पास सारी पावर है, टियर गैस- हवाई फायर कर सकती थी लेकिन कुछ नहीं कर रही है.

‘अल्ला हू अकबर’ के नारे लगाए

अगर आप दूसरी वीडियो ध्यान से देखें तो उसमें “अल्लाह हू अकबर” के नारे लगाए जा रहे हैं. सभी नारे पुलिस वालों के सामने लगाए जा रहे हैं लेकिन पुलिसकर्मी फोन पर व्यस्त है. यह सब घटना पुलिस की आंखों के सामने हो रही है.

वीडियो में दिखा कांग्रेस का सहयोगी मतलूब

तीसरी वीडियो में जो व्यक्ति आपको दिख रहा है वह कांग्रेस का सहयोगी मतलूब है। यह पहले कांग्रेस के साथ जुड़ा था अभी यह इंडिपेंडेंट काउंसलर है और कांग्रेस का सहयोगी है. आप वीडियो में देख सकते हैं मतलूब पुलिसकर्मियों के सामने आराम से फोन पर बातचीत कर रहा है और दंगाई इसे कुछ नहीं कर रहे हैं.147 घंटे हो चुके हैं लेकिन अभी तक पुलिस कर्मी इसका पता नहीं लगा पाए हैं.

पुलिस कर्मियों के सामने हुआ पूरा मामला

अब चौथी वीडियो में आप देख सकते है पुलिस कर्मियों के सामने इन दंगाइयों ने बाइक और ट्रकों को तहस-नहस किया हुआ है. ऊपर से जो पत्थर बरसाए जा रहे हैं एकदम से तो नहीं आ सकते. अब सवाल यह उठता है जब रैली की परमिशन दी गई थी, तो इतने सारे पत्थर छत पर कहां से आए. यह मुझे दिल्ली की याद दिला रहा है जिस तरह ताहिर हुसैन के घर पर इतने सारे पत्थर जमा किए गए थे.

पहले से तय की गई साजिश है: प्रदीप भंडारी

पांचवी वीडियो पर आप देख सकते है किस तरह घरों के छत पर पथराव हो रहा है. जब रैली आगे बढ़ रही थी, तब छत से लगातार पत्थर बरसाए जा रहे थे, अगर यह उसी समय होता तो दंगाई कपड़े से अपना मुंह नहीं छुपाते और दूसरी बात इतने सारे पत्थर एक साथ कहां से आए. पहले से तय की गई साजिश है क्योंकि आप देख सकते हैं वीडियो में की दुकानें भी बंद है।

कानून व्यवस्था फेल हुई है: प्रदीप भंडारी

आखिरी वीडियो में आप देख सकते हैं जो पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश करती है. वीडियो में आप सुन सकते हैं कैसे पुलिसकर्मी पत्थर मारने वाले दंगाइयों से कह रहे हैं “चलो-चलो भाग जाओ अंदर”. पुलिस कर्मियों का काम था दंगाइयों को पकड़ना लेकिन उसके बजाय वह उन्हें भागने को कह रहे हैं. वीडियो में आप साफ़ तौर पर देख सकते हैं किस तरह कानून व्यवस्था फेल हुई है.

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