दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई हिंसा में अब तक कुल 9 लोग घायल हुए हैं इनमें 8 पुलिस वाले और एक आम नागरिक शामिल है। हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया। गृह मंत्री शाह ने दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से फोन पर बात की और दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना और विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक को स्थिती पर नजर रखने व तुरंत मामले में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली हिंसा को लेकर लगातार सक्रिय रहे और कार्यवाही पर बारीकी से नजर बनाए रखे हुए थे और इसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली को बड़ा दंगे से बचा लिया या यूं कहें कि गृह मंत्री की सक्रियता और दिल्ली पुलिस की सूझबूझ से दिल्ली दंगों की आग से बच गई।
दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के बड़े अधिकारियों को भी हिंसा की जानकारी दी है और गृह मंत्रालय के आदेश को गंभीरता से लेते हुए जहांगीरपुरी व अन्य संवेदनशील इलाकों में भारी पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती कर दी गई। पुलिस ने अब तक कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और साथ ही कुछ तमंचे और तलवार भी पुलिस ने बरामद किए है। पुलिस ने अब तक जिन लोगों को गिरफ्तार किया उनमें मोहम्मद असलम और अंसार मुख्य आरोपी है। आज रोहिणी कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्हें जुलूस निकलने की जानकारी एक दिन पहले ही पता लगी थी, जिसके बाद उन्होंने पूरी तैयारी के साथ हिंसा को अंजाम दिया था। कोर्ट ने अंसार और असलम को 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है तो वहीं अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिए है।