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ज्ञानवापी मस्जिद में विशाल शिवलिंग मिलने के बाद प्रदीप भंडारी का मुकदमा- पढ़िए उनकी दलील

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन से चल रहा सर्वे सोमवार 16 मई को खत्म हो गया. सर्वे के दौरान कई दावे किए गए. लेकिन जो सबसे बड़ा दावा आज किया गया उसने लोगों के कान खड़े कर दिए हैं. दावा है कि ज्ञानवापी के अंदर एक कुएं में शिवलिंग मिला है. हिंदू पक्ष का दावा है कि तालाब जिसे कुआं कहा जा रहा है उसमें शिवलिंग बना देखा गया है. कोर्ट कमीशन के सदस्य और हिंदू पक्ष के पैरोकार सोहनलाल ने सर्वे के बाद मस्जिद के बाहर आकर ये बात कही.

सोमवार को इसी ऐतिहासिक जीत पर जनता का मुकदमा शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने बात की.  प्रदीप भंडारी ने अपने शो की शुरुआत हर हर महादेव से की. उन्होंने कहा कि, ‘शिवजी के दिन सोमवार को 350 साल का इंतजार हुआ खत्म. नंदी की 350 साल की प्रतीक्षा हुई खत्म, क्योंकि सर्वे के प्रमाण मिलने के बाद काशी से कन्याकुमारी तक सब बोल रहे हैं “बाबा मिल गए”. पर मैं कहता हूं बाबा दिख गए, शिवलिंग के प्रमाण को कोर्ट ने स्वीकार किया और जिला प्रशासन को शिवलिंग की रक्षा के आदेश दिए.’

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दर्द होता है कि हिंदुओं के भगवानभोलेनाथ जहां थे वहां शांति प्रिय उस वजूखाने में कुल्ला करते थे

पर दुख इस बात का है कि 350 साल से वजूखाने के नीचे शिवजी के सच को किसी भी शांतिदूत ने नहीं बताया. दर्द होता है कि हिंदुओं के भगवान, हमारे भगवान बाबा भोलेनाथ जहां थे वहां शांति प्रिय उस वजूखाने में कुल्ला करते, हाथ धोते, पैर धोते 350 साल तक. मैं आज, 350 साल से नंदी के दर्द को समझ सकता हूं. जो प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट की दुहाई देते हैं उन सेक्यूलर लोगों से मैं पूछता हूं अब तो एसेंशियल कैरेक्टर ट ज्ञानवापी मंदिर हुआ ना.

सेकुलरिज्म के नाम पर गंगा, जमुना तहजीब के नाम पर क्यों नहीं सेकंड लार्जेस्ट कम्युनिटी को सनातनी ज्ञानवापी मंदिर हिंदुओं को पूजा के लिए सौंप देना चाहिए. क्या यह गंगा, जमुना तहजीब का प्रतीक नहीं होगा? सेकुलरिज्म के नाम पर हिंदुओं से काशी,मथुरा, हम्पी भोजशाला,अदीना और तमाम मुगल आक्रांताओं का सच छुपाया गया. अब और नहीं क्योंकि बाबा भोले की कृपा से सब सामने आ चुका है.

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