उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा इस समय काफी गरमाया हुआ है. ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद आज इस मामले की (Gyanvapi Masjid Case Hearing) वाराणसी की जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. मंगलवार को फैसला आएगा.
सोमवार को प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा पर ज्ञानवापी पर बात की और कहां अगर मुस्लिमों को नमाज का अधिकार है, तो हिंदुओं को पूजा का अधिकार क्यों नहीं?
कल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट अपना फैसला सुना देगा की ज्ञानवापी मंदिर मुद्दे में आगे का रास्ता क्या है एक तरफ मुस्लिम पक्ष की यह मांग है कि आदेश 7 नियम 11 के आधार पर प्लेसेस ऑफ़ वरशिप फैक्ट के आधार पर हिंदू पक्ष की दलील ज्ञानवापी में पूरी तरह खारिज कर दी जाए वहीं दूसरी तरफ हिंदू पक्ष की यह मांग है कि शिवलिंग के सबूतों पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट का यह मतलब नहीं कि किसी भी स्थान का धार्मिक चरित्र मूल भाग बताएं ना जाए. तो फिर मुझे पूरी उम्मीद है कि जब स्वास्तिक शिवलिंग मंदिर की प्रतिमा डमरु तमाम सबूत मिल चुके हैं तो ज्ञानमती मंदिर में कल तथ्य के आधार पर कोर्ट आगे की सुनवाई करेगा.
'If one community is allowed to offer Namaz in Gyanvapi till the matter is subjudice, then Hindus should also be allowed to do pooja, archana and rudra abhishek in Gyanvapi' –
Pradeep Bhandari's DALEEL on #GyanvapiMandirProof on @JMukadma on @IndiaNews_itv.#Gyanvapi pic.twitter.com/VnrOdHfgfp
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 23, 2022
पर आज सेक्युलर भारत को यह भी देखना चाहिए अगर एक तरफ मुस्लिम पक्ष जब कोर्ट का ऑर्डर पेंडिंग है वह वजू कर रहा है तो फिर शिवलिंग की पूजा हिंदू पक्ष को क्यों नहीं करनी दी जाए? मैं यह मानता हूं कि हिंदू पक्ष को शिवलिंग की पूजा करने देनी चाहिए काशी विश्वनाथ मंदिर ग्रीस के पत्थरों से भी प्राचीन है. तो फिर अगर हिंदू काशी ज्ञानवापी में शिव की पूजा की मांग कर रहे हैं तो दिक्कत क्यों? मामला चलते रहे पर तब तक हिंदुओं को भी पूजा का अधिकार दिया जाए.