शुक्रवार को अपने शो जनता का मुकदमा में शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के अलावा भी और लोग जिन्होंने हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया उन पर भी कार्रवाई करने के लिए मुकदमा किया.
प्रदीप भंडारी ने कहा की, ‘इतिहास उठाकर देख लीजिए, वही लोग आगे गए हैं जो 101% राष्ट्रवादी रहे हैं, जिन्होंने राष्ट्रवाद को त्यागा है वह सिर्फ कमजोर हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से नफरत के खिलाफ देश में आवाज उठी है, उठनी भी चाहिए. मेरा मानना है कि देश को नफरत के खिलाफ एकजुट होना चाहिए पर क्या नफरत पर एकजुटता निजी हो सकता है?’ अगर नूपुर शर्मा , नवीन जिंदल नफरत है तो शिवलिंग को फव्वारा बोलना भी नफरत हो गया, फिर शिवलिंग को बाबा एटॉमिक रिसर्च सेंटर बोलना भी नफरत हो गया, फिर हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाना कॉमेडी के नाम पर नफरत होना चाहि, फिर सर तन से जुदा भी नफरत होना चाहिए, फिर 15 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ हिंदुओं को बता देंगे जो AIMIM ने कहा था वह भी नफरत होना चाहिए. पर यह सब माफी मांग कर चुप हो जाते हैं और फिर वापस से हिंदू धर्म का अपमान करके नफरत फैलाते हैं. यह ठीक वैसे ही है जैसे हिंदुस्तान को लिंचिस्तान बोलने वाले पालघर के साधुओं की लिंचिंग पर कमलेश तिवार , किशन भरवाद पर चुप हो जाते हैं.
' सेक्युलर गैंग और वो तमाम नेता जिन्होंने नुपुर और नवीन पर कार्रवाई की मांग की थी, वो ओवैसी और शिवलिंग का मजाक बनाने वालों पर हुई FIR पर खामोश क्यों?' –
Watch @pradip103 expose ' Pseudo Seculars' in his Daleel as #IndiaRejectsHate.@JMukadma @IndiaNews_itv pic.twitter.com/IgBA7hax9a
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) June 9, 2022
आज आपने देखा जबसे असदुद्दीन ओवैसी, शादाब चौहान, सबा नक्वी तमाम लोगों पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है वही लोग जो कल तक नूपुर शर्मा के नफरत बयान पर कतर से मदद मांग रहे थे, इस पर चुप हैं, वह फर्जी सोशल मीडिया पर फैक्ट चेकर चुप हैं, वह नेशन ने इन पर एक्शन का स्वागत नहीं किया जानते हुए क्योंकि वोट बैंक का डर है और अल्पसंख्यक कॉम कट्टरपंथियों ने कब्जा कर लिया है. और मेरा सवाल वह सब सेक्यूलर गैंग से है जो कतर से मदद मांग रहा था वह ओवैसी, शहदाब चौहान, सबा नक्वी, हाफिजुल हसन अंसारी, बिहारी लाल यादव, इलियास शरफुद्दीन, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, आर विक्रमन, नगमा शेख, कलीम तुर्क, अतीक उर रहमान खान, शुजा अहमद, विनीता शर्मा, इम्तियाज अहमद कुमार मीना, कासिफ, साजिद शाहीन, सेंसी, गुलजार अंसारी, सैफ उद दीन कुतुज सरफराज, पूजा पांडे, पूजा प्रियंवदा, मीनाक्षी चौधरी, मसूद काजमी चुप क्यों है ? मैं उन फर्जी सेक्यूलर जैसा नहीं कि सिर्फ नूपुर, नवीन का नाम बोलूं और बाकी का नाम छुपाऊं. मैं कानून में विश्वास रखने वाला, सच्ची सांप्रदायिक सौहार्द्र में विश्वास करने वाला हूं, ना की कट्टरपंथ में.