महाराष्ट्र के सियासी घमासान का मैदान अब गुजरात से असम शिफ्ट हो गया है. एकनाथ शिंदे के साथ 46 बागी विधायक स्पेशल फ्लाइट से सूरत से गुवाहाटी पहुंच गए. गुवाहाटी पहुंचे बागी विधायकों की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं. सभी विधायकों ने एक साथ कहा कि वे एकनाथ शिंदे के साथ हैं. बुधवार को अपने शो जनता का मुकदमा में शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने उद्धव ठाकरे की गिरती हुई सरकार पर डिबेट की.
प्रदीप भंडारी ने कहा कि,’मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी.. आज मैं आपको मुख्यमंत्री इसीलिए बोल रहा हूं क्योंकि कल पता नहीं आप मुख्यमंत्री रहे या ना रहे. आज आपके फेसबुक लाइव का समय 5 बजे का था लेकिन उस में देरी दर देरी होती रही. उद्धव ठाकरे जी जब आप फेसबुक लाइव पर आए मुझे आप के चेहरे पर चिंता दिखी, वह चिंता जायज है क्योंकि आपने एक बार नहीं, दो बार नही, आपने 6 बार मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ने कि बात की. अब आप समझ चुके हैं सरकार बचाने के लिए आपके पास बहुमत नहीं है, अभी कुछ देर पहले महाराष्ट्र के चाणक्य शरद पवार आपके आवास में पहुंचे, मेरे सूत्र यह बताते हैं कि उन्होंने आपको मुख्यमंत्री पद एकनाथ शिंदे को सौंपने को कहा लेकिन एकनाथ शिंदे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मुख्यमंत्री बनने से मना कर दिया. उद्धव ठाकरे जी और शरद पवार जी यह बात नहीं समझ पाए कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का लालच नहीं है, बात है हिंदुत्व की. आज हर शिव सैनिक यह बात समझ चुका है कि अगर हिंदुत्व नहीं रहेगा तो, शिवसेना का जनता में अस्तित्व नहीं रहेगा. तभी एकनाथ और बागी विधायक विवश हो गए गुवाहाटी जाने के लिए. अब उद्धव ठाकरे के पास पद छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है?
'Why did Maharashtra CM Uddhav Thackrey offer resignation multiple times in his delayed Facebook address?'
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— Jan Ki Baat (@jankibaat1) June 22, 2022
मुद्दा यह है जब संजय रावत ने अप्रैल में कहा था कि बाला साहब ठाकरे जी के विचार पुराने हो गए हैं, वह नए युग के लिए लागू नहीं होते और उन्होंने एक समय में यह भी कहा था कि आप चतुर हैं और बालासाहेब भोले हैं. उसी समय से शिवसैनिकों का मनोबल कम होने लगा. मैंने पहले भी यह बात कही थी और आज भी कह रहा हूं शिव सैनिक बालासाहेब के लिए जुड़े हुए हैं, उनकी विचारधारा के लिए जुड़े हुए हैं. आज मुद्दा यह नहीं है कि आपके पास बहुमत पूरी नहीं है, मुद्दा यह है कि आपके पास नंबर इसीलिए पूरे नहीं है क्योंकि जब से शिवसेना हिंदुत्व से परे हटी तब से जनता का शिवसेना के बीच अस्तित्व कम होने लगा.
महाराष्ट्र की जनता यह देख रही है इसमें एनसीपी और बीजेपी का कोई नुकसान नहीं सिर्फ और सिर्फ नुकसान है तो उधव ठाकरे जी का. आपको एकनाथ शिंदे ने तो यह बता दिया है उनके साथ 35 से ज्यादा एमएलए गुवाहाटी में हैं. मेरे सूत्र मुझे बताते हैं कि एकनाथ शिंदे का नंबर और भी बढ़ सकता है तभी उन्होंने गवर्नर से नियुक्ति का समय ले लिया है.