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पीएम नरेंद्र मोदी ने कैसे महिलाओं को किया सशक्त, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फाइनेंशियल ईयर-20, 21 और 2022 की एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं ने बैंकों में सबसे अधिक पैसा जमा कर रखा हैं. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में महिला जमाकर्ताओं की वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2022 तक 60 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित की गई कई योजनाएं ने भारत की महिलाओं को सशक्त बनाने में एक बड़ा योगदान दिया है.

ग्रामीण क्षेत्रों में महिला जमाकर्ताओं की सबसे अधिक संख्या देखी गई जिसके बाद सेमी अर्बन क्षेत्रों का स्थान रहा है. ग्रामीण  महिलाओं की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020 में 37% था, जबकि वित्त वर्ष 2021 में यह 24% और वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 66% हो गया है. वही सेमी अर्बन महिलाओं का डिपोजिट शेयर वित्त वर्ष 2020 में 29% था. वित्त वर्ष 2021 में यह 22% रहा, लेकिन फाइनेंसियल ईयर-2022 में यह बढ़कर 41% हो गया.

सरकार द्वारा स्थापित ऐसी सभी योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है. मुद्रा लोन में महिलाओं की हिस्सेदारी 71%, PMSBY में 37%, स्टैंड-अप इंडिया में 81% और PMJJBY में 27% है.

प्रधानमंत्री जनधन योजना का इसमें बड़ा योगदान रहा

वर्ष, 2014 में जब केंद्र सरकार ने प्रधामंत्री जनधन योजना(Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana) शुरू की थी, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि इसके तहत खुले करोड़ों बैंक अकाउंट्स में से आधे से अधिक महिलाओं के होंगे. इन बैंक अकाउंट्स ने महिलाओं की फाइनेंसियल पावर को बढ़ाया है. एक समय था, जब गरीबों को लगता था कि बैंक में खाता तो बड़े लोगों का होता है.  लेकिन अब ऐसा नहीं है. पिछले कुछ सालों में सरकार ने बैंकिंग सुधार के तहत कई छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों से मर्ज कर दिया है. इससे उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी में इम्प्रूवमेंट हुआ है. RBI खुद को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करने लगा है.

गुजरात का माधापर गांव एक बड़ा उदाहरण है

ग्रामीण क्षेत्रों में पैसा जमा होने का एक उदाहरण आप गुजरात के गांव का भी देख सकते हैं. गुजरात का यह बैंक गांव में जमा पैसे के आधार पर दुनिया के सबसे अमीर गांवों में से एक है. गुजरात के कच्छ जिले में माधापर गांव में 7600 घरों के बीच 17 बैंक हैं इन सभी बैंकों में पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जमा है. यहां के ज्यादातर लोग विदेशों में काम करते हैं और विदेश से पैसा कमा कर गांव में जमा करते हैं. पिछले साल इस गांव के पोस्ट ऑफिस में 200 करोड़ रुपए की फिक्स डिपाजिट रही है.

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