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दक्षिणी भारत से चार दिग्गज हस्तियां राज्यसभा के लिये मनोनीत, पीटी उषा, इलैयाराजा समेत उन 4 हस्तियों के बारे में जानिए

नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को 4 जानी-मानी हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. चारों ही दिग्गज दक्षिण भारतीय राज्यों से ताल्लुक रखते हैं. जिनमें शामिल हैं- जानी-मानी ऐथलीट पीटी ऊषा, संगीतकार इलैयाराजा, समाजसेवी वीरेंद्र हेगड़े और मशहूर स्क्रीनराइटर-डायरेक्टर वी. विजयेंद्र प्रसाद. नरेंद्र मोदी सरकार दक्षिण भारत की जानी मानी हस्तियों को मान्यता देने के प्रयास में है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर सभी को बधाई दी है.

इन पांचों राज्यों में लोकसभा की 129 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी इनमें से महज 30 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी. इन 30 में से भी 26 सीटें (बीजेपी समर्थित एक निर्दलीय सांसद समेत) अकेले कर्नाटक से हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में इन राज्यों की भूमिका काफी अहम होगी. बीजेपी की कोशिश यहां अपना जनाधार बढ़ाने में है.

पीटी उषा- भारत की मशहूर एथलीट

भारत की मशहूर एथलीट और उड़नपरी के नाम से मशहूर पीटी उषा 1980 में केवल 16 साल की उम्र में उन्होंने मॉस्को में हुए ओलंपिक में हिस्सा लिया था. पीटी उषा ने 1984 ओलंपिक खेलों में चौथा स्थान हासिल किया था. वो महज एक सेकंड के सौंवे हिस्से से चूक गई थीं और उनके हाथ से मेडल फिसल गया था. इसके बाद से वो पूरे देश में लोकप्रिय हो गईं. 1986 के  सियोज एशियाई खेलों में उन्होंने 4 गोल्ड मेडल जीते थे. 1985 उसमें उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा, ‘‘उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली पी.टी. उषा जी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. खेलों में उनकी उपलब्धियों को व्यापक रूप से पहचाना जाता है, हालांकि, पिछले कई वर्षों में उभरते एथलीटों का मार्गदर्शन करने के लिए उनका काम भी उतना ही सराहनीय है. राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई.’’

इलैयाराजा- संगीत ज्ञानी के नाम से मशहूर

संगीत ज्ञानी के नाम से मशहूर इलैयाराजा तमिलनाडु के मदुरै जिले के गांव में एक दलित परिवार में जन्मे है. उन्होंने 7 हजार से ज्यादा गानों की रचना की है और 20 हजार से ज्यादा म्यूजिक कंसर्ट का वह हिस्सा रह चुके हैं. उन्हें पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुके हैं जिसमें एक संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी शामिल हैं. 1986 में आई तमिल फिल्म विक्रम में कंप्यूटर के जरिए फिल्मी गाने रिकॉर्ड करने वाले वह पहले भारतीय संगीतकार थे. इलैयाराजा 2010 में पद्म भूषण और और 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर इलैयाराजा के बारे में लिखा है, ‘‘इलैयाराजा की रचनात्मक प्रतिभा ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. उनका कार्य भावनाओं को खूबसूरती से दर्शाता है. उनकी जीवन यात्रा भी उतनी ही प्रेरक है, वह सामान्य पृष्ठभूमि से आये और बहुत कुछ हासिल किया. खुशी है कि उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है.’’

विजयेंद्र प्रसाद गारू- बाहुबली, RRR जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी

विजयेंद्र प्रसाद का जन्म आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के कोवूर में हुआ है. विजयेंद्र प्रसाद गारू बाहुबली, RRR, बजरंगी भाईजान, राउडी राठौड़, मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी और मार्शल जैसी फिल्मों की कहानी लिखी है. 2016 में बजरंगी भाईजान के  लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था. इसके अलावा उन्होंने अर्धांगिनी, रांझणा और श्रीवल्ली जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया है.

पीएम मोदी ने विजयेंद्र प्रसाद के बारे में ट्वीट किया, श्री वी. विजयेंद्र प्रसाद गारू दशकों से रचनात्मक दुनिया से जुड़े हुए हैं. उनकी रचनाएं भारत की गौरवशाली संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं. उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर बधाई.

वीरेंद्र हेगड़े- सामाजिक कार्यकर्ता 

वीरेंद्र हेगड़े ने 20 साल की उम्र से कर्नाटक में धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी के रूप में काम किया है. वीरेंद्र हेगड़े धर्माधिकारी रत्नवर्मा हेगड़े के सबसे बड़े बेटे हैं. वे कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं. वह पांच दशकों से अधिक समय से एक समर्पित परोपकारी व्यक्ति हैं. उन्होंने ग्रामीण विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परिवर्तनकारी पहलों का नेतृत्व किया है. 1972 से लेकर अब तक उनकी धर्मस्थल के हर साल सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया जाता है. इन कार्यक्रमों के जरिए हजारों जोड़ों की शादी होती है.

वीरेंद्र हेगड़े के बारे में पीएम मोदी ने ट्वीट किया,‘‘ श्री वीरेंद्र हेगड़े जी सामुदायिक सेवा में हमेशा अग्रिम पंक्ति में रहते हैं. मुझे धर्मस्थला मंदिर उनके साथ प्रार्थना करने का अवसर मिला. इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे महान कार्यों को देखने का अवसर मिला है. वे निश्चित रूप से संसदीय कार्यवाही को समृद्ध करेंगे”.

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