जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) को शुक्रवार को गोली मार दी गई. जिस समय आबे पर फायरिंग हुई वे एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे. उन्हें तुरत अस्पताल में भर्ती कराया गया. जानकारी के मुताबिक, कुल दो गोलियां चली थीं. जिस संदिग्ध शख्स को गिरफ्तार किया गया है वह 41 साल का है. उसका नाम यामागामी तत्सुका (Yamagami Tetsuya) है और कहा जा रहा है कि वो जापान की नेवी का ऑफिसर रहा है. उसके पास से बंदूक भी बरामद कर ली गई है.
Breaking News:
Japanese Media reports that Abe fell to the ground after being shot from behind twice. He is unconscious and reports say is showing no vital signs.#ShinzoAbe #Japan @pradip103 pic.twitter.com/TkbFgKcAyi
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 8, 2022
जिस बंदूक से आबे पर हमला किया गया है, वो एक होममेड हथियार है. इसे डक्ट टेप और पाइप्स को मिलाकर तैयार किया गया था. हमलावर ने गन को इस तरह डिजाइन किया था कि वह कैमरे की तरह दिखे. इसके लिए उसने गन पर काली पॉलीथिन को भी लपेटा था.
जापान में कई सालों से जनरलिज्म करने वाले अमेरिकी जर्नलिस्ट निकोलस क्रिस्टॉफ की मानें तो यहां पर गन हासिल करना अपने आप में चैलेंज है. लेकिन संगठन याकुजा से जुड़े लोग बड़ी आसानी से हथियार का जुगाड़ कर लेते हैं. जापानी मीडिया के मुताबिक यामागामी मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स का मेंबर रहा है. वो करीब तीन साल तक सेना का हिस्सा रहा और साल 2005 में रिटायर हो गया.
BREAKING :
This the video footage of the first shot being fired. Reports say that the first shot was a miss and the second shot struck Former Japanese PM Shinzo Abe in the chest. #ShinzoAbe #Japan @pradip103 pic.twitter.com/kAgb2h3Xiz
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 8, 2022
जापान में कानूनों के तहत सिर्फ शॉटगन और एयर राइफल्स को ही बिक्री की अनुमति मिली हुई है. हैंडगन को कानूनी मान्यता नहीं मिली है. मगर इन दोनों ही तरह की बंदूकों को हासिल करना बहुत मुश्किल है. खरीददारों को पूरा दिन इंतजार करना पड़ता है. एक लिखित परीक्षा और शूटिंग रेंज टेस्ट के बाद बंदूक मिलती है. शूटिंग रेंज में टेस्ट को 95 फीसदी की एक्यूरेसी के साथ पास करना जरूरी होता है. इसके अलावा मेंटल हेल्थ चेकअप और ड्रग टेस्ट भी होता है. साथ ही बैकग्राउंड चेक को भी पास करना बहुत जरूरी है. बैकग्राउंड चेक में ये देखा जाता है कि बंदूक खरीदने वाले का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं, उस पर कोई कर्ज तो नहीं, किसी ऑर्गनाइज्ड क्राइम में वो शामिल तो नहीं रहा और साथ ही साथ परिवार और दोस्तों के साथ उसके संबंध कैसे हैं