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पदाधिकारी की गैर मौजूदगी पर सबूतों से छेड़छाड़ रोकने के लिए जांच एजेंसी जगह को सील करती है- प्रदीप भंडारी की दलील

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नैशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दिल्ली में हेराल्ड हाउस स्थित यंग इंडिया के कार्यालय को सील कर दिया। साथ ही ईडी ने निर्देश दिया कि एजेंसी की अनुमति लिए बिना परिसर न खोला जाए। बुधवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसे मुद्दे पर बात की।

प्रदीप भंडारी ने कहा की, दोस्तो हम और देश की जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ है और अगर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रवर्तन निदेशालय कारवाही कर रही है तो इससे कांग्रेस के नेताओं को चिंता क्यों हो रही है।

कांग्रेस पार्टी ने कुछ देर पहले ही एक प्रेस कांफ्रेंस की है जिसमे अभिषेक मनु सिंघवी, अजय माकन, जयराम रमेश ने कहा है की भारतीय जनता पार्टी प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।

मैं पूछना चाहता हु जो प्रवर्तन निदेशालय ने आज कारवाही की है क्या वो न्यायसंगत नहीं है? प्रवर्तन निदेशालय ने जो सोनिया गांधी की कंपनी यंग इंडिया को सील किया है क्या ये कारवाही न्यायसंगत नहीं है? बिलकुल न्यायसंगत है क्योंकि ये पूरा मामला
कोर्ट द्वारा चलाया जा रहा है और कोर्ट ने एक बार भी कारवाही को नही रोका। जब भी जांच एजेंसियां किसी जगह पर पूछताछ करने जाती है और वहा पर कोई पदाधिकारी मौजूद नहीं होते तो
सबूतों के साथ छेड़- छाड़ ना हो इस लिए वो जगह सील कर दी जाती है। आज प्रवर्तन निदेशालय जब हेराल्ड हाउस पहुंची और देखा की वहा पर कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं था तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़- छाड़ ना हो इसलिए वो जगह सील कर दी।

तो फिर कांग्रेस पार्टी इसे प्रतिशोध की राजनीति क्यों कह रही है? क्योंकि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में PMLA कानून को चुनौती दी गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट देते हुए कहा था की ईडी की कारवाही प्रतिशोध के रूप में नही है और PMLA की एक भी धारा को हटाया नही गया। ईडी तो उसी PMLA के धारा के तहत काम कर रही हैं। ईडी पूछ रही है जो 90 करोड़ का लोन यंग इंडिया कंपनी को दिया गया वो कहा से आया?

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