राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर घमासान मचा हुआ है।अशोक गहलोत के समर्थक विधायक कह रहे हैं कि हमें सचिन पायलट मुख्यमंत्री के पद के लिए मंजूर नहीं है। वहीं अशोक गहलोत ने कहा है कि स्थिति उनके हाथ से निकल चुकी है। रविवार शाम 7 बजे राजस्थान में कांग्रेस की विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी लेकिन विधायक अशोक गहलोत के समर्थक विधायक शांति धारीवाल के घर पहुंच गए और विधायकों ने साफ कहा कि हमें सचिन पायलट मंजूर नहीं है।
पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान गए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई बार कोशिश की कि वह विधायकों से बातचीत कर मामले को सुलझा ले, लेकिन विधायकों ने साफ कहा कि हमें अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद ही बैठक में शामिल होना है। इसके बाद सोमवार सुबह अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने के लिए जयपुर के JW मैरियट होटल पहुंचे, लेकिन अजय माकन दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
अजय माकन ने दिल्ली रवाना होने से पहले अशोक गहलोत समर्थक विधायकों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी के तय किए गए बैठक के अलावा किसी अन्य जगह पर बैठक करना अनुशासनहीनता है और मैं अपनी रिपोर्ट आलाकमान और राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय को दूंगा। मल्लिकार्जुन खड़गे भी दिल्ली पहुंच गए हैं। दोनों नेता सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे हैं और राजस्थान में हुए घटनाक्रम की रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपेंगे।
अशोक गहलोत के 80 से अधिक समर्थक विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की है और कहा है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती है और उनसे बिना रायशुमारी के कोई फैसला लिया जाता है तो वह अपना इस्तीफा सौंपेंगे। विधायकों ने कहा है कि जो सरकार बचाने के लिए 38 दिन तक होटल में थे, उनमें से किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया जाए। यानी विधायक सचिन पायलट के खिलाफ हैं।