8 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर मंगलवार सुबह से ही NIA, ED और दूसरी एजेंसियों की ओर से छापेमारी जारी है। दिल्ली के शाहीन बाग, जामिया नगर और निजामुद्दीन में भी पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली में अब तक 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर बात की।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि, आज चले ऑक्टोपस 2.0 ऑपरेशन के तहत पीएफआई संगठन की पोल खुल चुकी है। इस ऑपरेशन का नाम ऑक्टोपस इसलिए रखा गया है क्योंकि जिस तरह ऑक्टोपस अपनी टांगों से सिकारों को पकड़ता है , उसी तरह एनआईए, सीबीआई और देश के तमाम एजेंसियों ने भारत विरोधी पीएफआई को एक्सपोर्ट कर दिया है।
इस बार पीएफआई का मकसद दिल्ली में शाहीन बाग 2.0 को दोबारा से दोहराना था। पीएफआई में सक्रिय सदस्य शाहीन कौसर को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने शाहीन कौसर को गिरफ्तार किया है. शाहीन कौसर उस समय दिल्ली में सीएए-एनआरसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में थीं। अम्मा फाउंडेशन की प्रमुख शाहीन कौसर की फिलहाल जांच चल रही है।
प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, दिल्ली पुलिस ने आज ड्रोन के माध्यम से दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र शाहीन बाग, जहांगीरपुरी, ओखला इन सब पर निगरानी रखी यह देखने के लिए कहीं शाहीन बाग की तरह ताहिर हुसैन के साथ मिलकर जिस तरह घरों के छतों पर पत्थर रखे गए थे वापिस से इस तरह की साजिश ना रची जाए।
'PFI is an anti-national organization & it has mushroomed because of vote bank politics in India. Operation Octopus 2.0 has stopped the attempt by PFI to create #ShaheenBagh 2.0 model in Delhi.'
Watch @pradip103's Daleel on #BanPFINext debate on @IndiaNews_itv.#PfiRaids pic.twitter.com/2kBuqHFOcL
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) September 27, 2022
भारत विरोधी पीएफआई संगठन के तार अलकायदा आईएसआई से जुड़े हुए हैं ऐसे संगठन के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय लेफ्ट विंग पार्टी CPM(L)उन्होंने कहा है जो पीएफआई पर कार्यवाही हो रही है वह मोदी सरकार की साजिश है।इन्हीं नेताओं ने मिलकर वोट बैंक के लिए इस्लामिक संगठनों का साथ दिया और देश के अंदर धार्मिक सद्भावना फैलाई, देश को तोड़ने की कोशिश की। टुकड़े टुकड़े गैंग के पीछे असली जो लोग हैं वह वोट बैंक वाले नेता और पीएफआई संगठन है। आज देश की तमाम एजेंसियों ने इनके इसी मंसूबे को फेल कर दिया है।