जम्मू-कश्मीर में कायर आतंकियों की टारगेट किलिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को कश्मीर के शोपियां में दो प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी गई। दोनों मजदूर उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले थे।
मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आज का मुकदमा किया।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि, फारूक अब्दुल्ला ने जो बोला वही हुआ उनकी भविष्यवाणी सच हुई जब कश्मीरी हिंदू पूरन कृष्ण भट्ट कि टारगेट किलिंग पर उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया यह बंद नहीं होगा और वही हुआ..फिर से हुआ, शोपियां में हुआ
कन्नौज के 2 गरीब हिंदू मजदूर रामसागर और मुनीश कुमार जो कश्मीर में चंद्र रुपए कमाने आए थे उन पर ग्रेनेड फेंक कर उनकी हत्या कर दी ठीक वैसे ही जैसे फारूक अब्दुल्ला ने बोला- बंद नहीं होगा। इससे हम क्या समझे क्या हम यह समझे कि लश्कर के आतंकवादियों ने फारूक अब्दुल्ला को पहले से ही अपने हिंदू विरोधी टारगेट के लिंक साजिश के बारे में जानकारी दे दी थी?
या हम यह समझे कि ऐसा असंवेदनशील और अमानवीय बयान फारूक अब्दुल्ला ने सोच-समझकर मीडिया के सामने दिया ताकि यह मैसेज उन बुजदिल आतंकवादियों के पास पहुंच जाए कि टारगेट किलिंग बंद नहीं होंगी।
Ram Sagar and Munish Kumar – Hindu labourers from Kannauj – were killed in Shopian by LeT terrorists after after #FarooqAbdullah justified targeted killings'- @pradip103 questions Farooq Abdullah on #KashmirTargetKillings on tonight's edition of @JMukadma on @IndiaNews_itv. pic.twitter.com/ldXXviLuZ3
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) October 18, 2022
फारुख जी आतंकवाद का समर्थन करना अलगाववादियों से नाता रखना पाकिस्तान के लिए बैटिंग करना चाइना के पक्ष में बोलना हिंदुस्तान विरोधी पक्ष लेकर तो आपने अपना पोलिटिकल कैरियर बनाया और अब जब आप अप्रासंगिक होती जा रही है तो आप मासूम हिंदुओं की टारगेट किलिंग को जस्टिफाई कर रहे हैं? फारुख जी आपने कहा कि टारगेट किलिंग तब तक बंद नहीं होगी जब तक इंसाफ नहीं होगा किस इंसाफ की बात कर रहे हैं। मेरी नजरों में एक ही इंसान है, वह इंसान जो पूरन कृष्ण भट्ट की छोटी बेटी को मिलना चाहिए, वह इंसाफ जो राम सागर और मुनीश कुमार के गरीब परिवार को मिलना चाहिए ,वह इंसान जो हर कश्मीरी पंडित को मिलना चाहिए, वह इंसाफ जोहर आतंकवाद के पीड़ित को मिलना चाहिए, वह इंसान जो अब आतंकवाद समर्थकों के खिलाफ संवैधानिक होना चाहिए।