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ओरेवा कंपनी के मालिक और वरिष्ठ अधिकारियों की हर हाल में गिरफ्तारी हो- प्रदीप भंडारी की दलील

गुजरात के मोरबी में पुल हादसे के बाद से इसकी जांच चल रही है। इस बीच इस पुल की मरम्मती करने वाली ओरेवा कंपनी का एक कथित लेटर सामने आया है। इस लेटर का मजमून यही है कि कंपनी ने पुल की मरम्मती के लिए कोई सामान नहीं खरीदा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस पत्र को लेकर बताया गया है कि जनवरी 2020 में यह खत मोरबी के जिला कलेक्टर को कंपनी की तरफ से भेजा गया था। इस खत में कहा गया था, ‘हम सिर्फ अस्थायी रिपेयरिंग कर इस सस्पेन्शन ब्रिज को खेल रहे हैं।’

बुधवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आज का मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, कौन ओरेवा कंपनी के मालिकों को और बड़े अधिकारियों को बचा रहा है जिसके खिलाफ एफएसएल रिपोर्ट में यह साबित हो गया है कि घटिया मटीरियल का ब्रिज बनाने में इस्तेमाल किया गया जिसको कोर्ट ने अपने आर्डर में कहा कि शुरुआती जांच में यह साबित हुआ है कि पुल के बनने में गड़बड़ियां हैं। जिस कंपनी पर पुलिस की रिमांड कॉपी में नजर अंदाज करने का आरोप लगा है‌।

जिसका 2020 का कलेक्टर को लिखा लेटर यह साफ कर रहा है कि यह कंपनी आधा अधूरा काम करके भी पुल को चालू कर सकती थी अगर उसको परमानेंट कांटेक्ट नहीं मिलता तो। इन सब सबूतों के बावजूद ओरेवा के मालिक लापता है।‌ कैसे ऐसी हो सकता है कि जो कल तक नेताओं का, अधिकारी का करीबी हुआ करता था वह आज अंडर ग्राउंड है और किसी को नहीं पता कोई एजेंसी किसी को कुछ नहीं पता?

72 घंटे से उसके घर पर ताला लगा हुआ है उसके फार्म हाउस पर कोई नहीं है उसका फोन बंद आ रहा है यह बिना एडमिनिस्ट्रेशन के नहीं पॉसिबल, यह वही लोग हैं जिन्होंने इस घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया जिसने 135 लोगों की जान ली।गुजरात सरकार को जरूरी है कि अपराधिक षड्यंत्र के तमाम घरों में ओरेवा के सीनियर मैनेजमेंट को गिरफ्तार करें उससे पूछताछ करें और अधिकारियों से भी पूछताछ करें जो नए ओरेवा को घड़ी बनाने वाली कंपनी को फूल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया न्याय तभी होगा।

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