2017 के पहले यूपी में कुछ नहीं रहा है पिछली सरकारों ने प्रदेश की जनता के बारे में कुछ भी नहीं सोचा। विकास दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता रहा है। गुंडों-माफियाओं का राज रहा है, गोरखपुर भी विकास के मामले में काफी पिछड़ा रहा है। यूपी में विकास के मॉडल के रूप में गोरखपुर से बेहतर उदाहरण नहीं है।
शनिवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर बात की।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि, जो खबर पीछले कुछ समय से मीडिया दबाने की कोशिश कर रहा है या अंडर प्ले करने की कोशिश कर रहा, आज मैं उसपर बोलना चाहता हूं।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री पुरी प्रतिनिधिमंडल की टीम पिचले कुछ दिनों से यूपी में इनवेस्टमेंट लाने के लिए रोड शो कर रही है, रोड शो के पहले चरण में 52 ग्लोबल फर्म्स ने यूपी में इनवेस्टमेंट करने को मंजूर कर दिया है, 16 से ज्यादा देशों की कंपनियां यूपी निवेश शिखर सम्मेलन में फरवरी में आने वाली हैं।
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के कुछ ही महीनों पहले 6 माहीने का ही डेटा मैं देखू तो 45,000 करोड़ का निवेश यूपी में हो चुका है जो अखिलेश यादव की पिछली सरकार (अप्रैल 2012- जनवरी 2016- 25,081 करोड़) में पूरे निवेश की प्रतिबद्धता से अधिक है। मायावती के समय ये 10,773 करोड थी। आगर इस हिसाब से यूपी तरक्की करता रहा तो योगी सरकार आसानी से अपना 1 लाख करोड़ के निवेश का टारगेट पूरा कर लेगी।
मुख्तार अंसारी जैसे गैंगस्टर के पूरे गैंग को सलाखों के पीछे लाना, लॉ एंड ऑर्डर को कंट्रोल मैं रखना या अब यूपी को इनवेस्टमेंट हब के रास्ते पर ले कर जाना ये काम योगी सरकार ने कर दिखाया है। क्या सीएम योगी ने ‘यूपी वाले भैया’ जो पहले एक स्लैग होता था उसे एक गर्व होने वाली पहचान नहीं बना दिया? और क्या योगी ने यूपी को माफिया राज से निवेश राज के पथ पर नहीं अग्रसार कर दिया।