सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। दरअसल कूपर अस्पताल के अटॉप्सी स्टाफ ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बड़ा दावा किया है। अटॉप्सी स्टाफ ने कई आरोप भी लगाए हैं। अटॉप्सी स्टाफ ने ये दावा किया है कि सुशांत के गले पर जो निशान थे वो सुसाइड वाले नहीं थे। इतना ही नहीं उस स्टाफ ने ये दावा भी किया कि अभिनेता के पैर में फ्रैक्चर था और टूटे हुए पैर से कोई सुसाइड नहीं कर सकता है।
सोमवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आज का मुकदमा किया।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि, सच बाहर आ रहा है दोस्तों और सच को कोई नहीं रोक सकता। रूप कुमार जो कूपर अस्पताल में कर्मचारी है उन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए कहा कि जब सुशांत सिंह राजपूत की बॉडी कूपर अस्पताल लाई गई थी तो उनको पहेली झलक में ही समझ आ गया था की ये सुसाइड नहीं है। जब उन्होंने इसका ज़िक्र अपने सुपीरियर को किया तो वो इसे आत्महत्या घोषित करने में लग गया। रूप कुमार कौन है
1) वो शख्स जिन्होंने अपने 28 साल के करियर में शवगृह में 50 हज़ार से ज्यादा मुर्दा बॉडी देखी है
2) वो शख्स है जो उस वक्त वहा मोजूद थे जहा सुशांत सिंह राजपूत की बॉडी लाई गई थी
ये ही नहीं दोस्तों वो ये तक कह रहे हैं कि सुशांत के शरीर पर जो उस वक्त घाव के निशान थे उससे लग रहा था कि उनका गला दबाया गया है, और उनके साथ मार पीट हुई है। प्रदीप भंडारी ने आगे कहा की, दोस्तो याद है 2 साल से मैं और आप सुशांत की लड़ाई लड़ रहे हैं। मैं और आप सबूत के आधार पर जानते हैं कि सुशांत की हत्या हुई थी, मैं और आप कह रहे हैं कि पोस्टमॉर्टम जो कूपर अस्पताल ने किया था उस मुख्य पोस्टमॉर्टम की तारीख नहीं लिखी थी मैं और आप कह रहे हैं की 2 महीने तक मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। किस से बड़े व्यक्ति को बचाने के लिए सुशांत की मौत का सच छुपाया गया? और क्या अब सीबीआई अपनी जांच तेज गति से करेगी, रूप कुमार शाह का बयान लेगी, क्या सुशांत के केस में होगा समयबद्ध जांच?
क्योंकि सुशांत की लड़ाई न्याय की है और हर मिडिल क्लास और गरीब की है उन नशेड़ी गंजेदी चरसी लोगो के खिलाफ जिन्होंने अपने पावर के दम से अपने एक्सेस के दम से सच को दबाने का प्रयास किया हैं।