मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने दिल्ली के कंझावला केस में दिल्ली पुलिस की लापरवाही पर आज का मुकदमा किया।
प्रदीप भंडारी ने कहा की, दोस्तों दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को क्या लगता है जनता बेवकूफ है? जनता झूट को आसानी से समझ सकती है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर जी जनता को भटका ना बंद करें लड़की ओयो में थी या नहीं लड़की के साथ उसकी सहेली कब स्कूटी से उतरी या नहीं यह पॉइंट नहीं है।
मुद्दा सिर्फ यही है कि 18000 से ज्यादा पुलिस बल तैनात थे अधिकारिक डॉक्यूमेंट के हिसाब से न्यू ईयर के दिन पुलिस का यह दावा करना कि हर जगह पुलिस बल तैनात हैं इन सब के बावजूद भी देश की राजधानी दिल्ली में 13 किलोमीटर 27 मिनट तक एक लड़की को गाड़ी के नीचे 5 लोग भरी सड़क में घसीटते चले जाते हैं उसकी खोपड़ी फूट गई उसकी टांग टूट गई उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई, और 18000 में से एक भी पुलिस वाले वहां मौजूद नहीं थे ना कोई बैरिकेडिंग वहां पर थी ना एक पीसीआर मौजूद था मिस्टर कमिश्नर साहब यह आपकी लापरवाही है और अभी तक किसी को भी सस्पेंड नहीं किया गया है?
हर माता पिता वापिस से सुने 13 किलोमीटर 27 मिनट तक एक भी पुलिस वाला न्यू ईयर की रात पर वहां मौजूद नहीं था अगर यह काफी नहीं था तो जब एक आईविटनेस ने पुलिस को खबर की की मौके वारदात पर पहुंचने में 10 मिनट नहीं डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय पुलिस को कैसे लग गया। पुलिस की इतनी लापरवाही भी कम नहीं थी 4 पुलिस थानों के रास्ते से यह कार गुजरी और किसी को पता भी नहीं चला तो यह सवाल दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कहना चाहूंगा कि यह जवाबदेही पुलिस की है या नहीं या किसी और की है।
दिल्ली पुलिस अपनी जवाबदेही तय करें और यह भी तय करें कि जो भी इस केस में रिस्पांसिबल ऑफिसर है उसे निलंबित किया जाए और देश की जनता को गुमराह करना बंद करें।