Voice Of The People

National Voter’s Day with Pradeep Bhandari: 2018 त्रिपुरा चुनाव के दौरान मतदाताओं को याद करवाए थे उनके अधिकार

लोकतंत्र में सबसे बड़ी जनता का मत होता है. लोकतंत्र के अंदर मतदाता के अधिकार सुनिश्चित और बड़े ही ताकतवर होते हैं. लोकतंत्र में वोट करने का अधिकार ही लोकतंत्र की शक्ति और उसकी एकता को दिखाता है. आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक प्रणाली वाला देश है.

भारत में हर साल विधानसभा चुनाव किसी न किसी राज्य में होते ही रहते हैं. जो कि एक सुंदर लोकतंत्र की बहुत ही अच्छी तस्वीर दिखाता है. परंतु लोकतंत्र के महापर्व में जब 1 मतदाता अपने मत का उपयोग करता है तो कुछ ताकतें इसमें अवरोध का काम करती है. कुछ ऐसा ही दो हजार अट्ठारह के त्रिपुरा चुनाव के दौरान हुआ था.

जन की बात की टीम और प्रदीप भंडारी ग्राउंड रियलिटी चेक करने के हम २०१८ में त्रिपुरा चुनाव का रुख किया था. उस समय त्रिपुरा में 25 साल से सीपीआईएम का राज था. जहाँ हमें महसूस हुआ की यहाँ मतदाताओं के अधिकारों का शोषण हो रहा है. कहीं ना कहीं त्रिपुरा में ना तो लोक था और ना ही तंत्र.

जब प्रदीप भंडारी और जन की बात टीम ने इन सभी चीजों का खुलासा किया तो वहां पर मौजूदा सीपीआई पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के सामने मतदाताओं को अपनी बात राष्ट्र के सामने रखने से बाधित किया.

क्यों मनाया जाता है मतदाता दिवस?

इस साल के राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर’ (मतदान जैसा कुछ नहीं, मैं वोट जरूर करूंगा) है. 25 जनवरी को होने वाले मतदाता दिवस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता पैदा करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है.

दरअसल, 25 जनवरी, 1950 को भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए 2011 से देशभर में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है.

SHARE
Sombir Sharma
Sombir Sharmahttp://jankibaat.com
Sombir Sharma - Journalist

Must Read

Latest