74वें गणतंत्र दिवस पर सेनाओं ने स्वदेशी शौर्य का प्रदर्शन किया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों ने भारत में निर्मित हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन करके अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन तो किया ही और साथ में घातक लड़ाकू विमानों की मदद से त्रिशूल और बाज जैसे आकार बनाकर लोगों का मन मोह लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया, उसके बाद परेड की शुरुआत हुई। 90 मिनट चली इस परेड में स्वदेशी हथियारों अर्जुन टैंक, वज्र और ब्रह्मोस नजर आए।
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इजिप्ट यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी मुख्य अथिति थे। मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इजिप्ट की सैन्य टुकड़ी भी परेड का हिस्सा बनी। गणतंत्र दिवस की सुबह प्रधानमंत्री ने संदेश दिया- उम्मीद है कि हम सब मिलकर आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वालों का सपना पूरा करेंगे।
- पहली बार भारतीय तोपों ने सलामी दी। अब तक ब्रिटेन में बनी तोपों से सलामी दी जाती थी।
- अर्जुन टैंक, वज्र तोपों और आकाश मिसाइल सिस्टम के अलावा कर्तव्य पथ पर ब्रह्मोस मिसाइल नजर आई। खास बात ये कि ये सभी स्वदेशी हथियार हैं।
- एयर डिफेंस मिसाइल रेजिमेंट की ओर से आकाश वेपन सिस्टम को लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने लीड किया। उनके साथी लीडर कैप्टन सुनील दशराथे थे।
- नौसेना की टुकड़ी के 144 सेलर्स का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने किया। 3 महिला और 6 पुरुष अग्निवीर पहली बार कर्तव्य पथ पर नजर आए।
- सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की पूरी टुकड़ी में सिर्फ महिलाएं थीं। यह ऑल वुमन कॉन्टिजेंट था।
गणतंत्र दिवस में राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दिए जाने की परंपरा है। अब तक ये सलामी ब्रिटेन में बनी 25-पाउंडर तोपों से दी जाती थी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी इस्तेमाल की गई थीं। इस बार इनकी जगह भारत में बनी 105MM इंडियन फील्ड गन से सलामी दी गई। ये तोपें जबलपुर और कानपुर की गन फैक्ट्री में बनाई गई थीं।
इन्हें 1972 में डिजाइन किया गया था और ये 1984 से सर्विस दे रही हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि 105MM देश में बनी तोपें हैं इसलिए हम इनसे सलामी देना चाहते हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।