नार्थ ईस्ट में चुनावी बिगुल बज चुका है, और सबसे पहला चुनाव त्रिपुरा में होने जा रहा है. त्रिपुरा में होने वाले इस बार के चुनाव के अंदर क्या कुछ अहम और बड़ी बातें होने वाली है, इसके ऊपर हम लोग एक नजर डालते हैं. बांग्लादेश बॉर्डर से सटा हुआ त्रिपुरा नॉर्थईस्ट का एक बहुत ही अहम राज्य है.
त्रिपुरा में 2018 के अंदर बीजेपी ने सत्ता पर अपना स्थान हासिल की थी. तो वही उससे पहले 25 साल का कम्युनिस्ट शासन त्रिपुरा के अंदर रहा 25 साल के कम्युनिस्ट शासन के बाद बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ त्रिपुरा में अपनी सरकार बनाई. अब बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है कि, क्या वह एक बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है.
इसी बड़े सवाल का जवाब आज जन की बात के ओपिनियन पोल में प्रदीप भंडारी ने दिया. प्रदीप भंडारी ने कहा कि इस बार भी बीजेपी गठबंधन एक बार फिर से सरकार में वापसी कर सकती है.बीजेपी ‘उन्नत त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा’ विजन के साथ अपने चुनावी अभियान को अंजाम दे रही है.
1:- त्रिपुरा में 28.13 लाख वोटर्स में 13 लाख 98 हजार 825 महिलाएं हैं और 14 लाख 14 हजार 576 पुरुष हैं।
2:- त्रिपुरा में 65 हजार 44 युवा पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
3:- त्रिपुरा में 17,297 वोटर्स दिव्यांग हैं।
4:- त्रिपुरा में 60 में से 30 सीटें सामान्य हैं, जबकि 10 एससी और 20 एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है।
5:- त्रिपुरा में 3,328 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें 707 शहरी और 2,621 ग्रामीण इलाकों में मतदान केंद्र होंगे।