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मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विपक्षी एकता तार-तार हो चुकी है – प्रदीप भंडारी की दलील

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह गलत परंपरा की शुरुआत नहीं करेगी। गौरतलब है कि सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी

मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आज का मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, जिस दिन सत्येंद्र जैन गिरफ्तार हुए थे तब से लेकर आज तक लगभग 200 दिन से आम आदमी पार्टी के नेता यह कह रहे थे कि वह निर्दोष हैं, उनको फंसाया जा रहा है , मनीष सिसोदिया के गिरफ्तारी हुई तब भी यही कहा गया कि यह फर्जी है मनीष को फसाया जा रहा है।

आज मनीष सिसोदिया की बेल सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी कोर्ट ने कहा कि वह इस वक्त इस केस पर दखल नहीं दे सकती हैं। अगर आप कल सीबीआई कोर्ट के आर्डर को पढ़ेंगे तो उसमें कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई रिमांड देते वक्त इस बात को ध्यान दिया की आरोपी यानी मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच एजेंसी के हिसाब से डॉक्यूमेंट्री सबूत है उनके सबोर्डिनेट्स ने उनके खिलाफ स्टेटमेंट दिया है और उनको आमने-सामने पूछताछ करना अनिवार्य है। क्योंकि उन्होंने जो जवाब दिए हैं उससे सीबीआई संतुष्ट नहीं हुई है। पेज नंबर 7 में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया उसके खिलाफ सामने आए आपत्तिजनक साक्ष्य की व्याख्या करने में विफल रहे।

सीबीआई सूत्रों और ईडी सूत्रों ने कहा है कि उनके पास मनी ट्रेल के ठोस सबूत है, इसका मतलब है कि प्रथम दृष्टया मामले में घोटाला है। अभी तक सीबीआई ईडी का केस, सबूत, कोर्ट द्वारा बिल नहीं दिया जाना यह सभी पॉइंट यह साबित कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के डिफेंस लॉयर और सीनियर वकील जैसे अभिषेक मनु सिंघवी को मिलाकर उनका डिफेंस काफी हल्का दिख रहा है।

जैसे अमित अरोरा ने 11 फोन और आरोपी ने 170 फोन का इस्तेमाल क्यों किया, वह क्या छुपाना चाह रहे थे। एक और तथ्य है कि कांग्रेस पार्टी के मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का खुलेआम सपोर्ट और उनको घोटाले का किंगपिन बुलाना मेरे उसी पॉइंट को मजबूत करता है जो मैंने जो मैं कहता कहता आया हूं की विपक्षी एकजुटता एक मजाक है

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