कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों के लिए आवंटित 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया। साथ ही राज्य के आरक्षण कोटा में बड़े बदलाव किए गए हैं। एससी को 17% आरक्षण देने का फैसला ले लिया गया। इसके अलावा लिंगायत-वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी की गई। कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत कर दिया है।
सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है। असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सरकार के इस फैसले को मुस्लिम विरोधी बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कर्नाटक बीजेपी ने गरीब मुसलमानों का 4% आरक्षण खत्म कर दिया है। इसे वोक्कालिग्गा और लिंगायत में समायोजित कर दिया गया है, जो प्रमुख अगड़ी जातियां हैं। उन्हें तो पहले से ही कोटा मिल रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस फैसले पर कांग्रेस और जेडीएस भी खामोश हैं। उन्हें बताना चाहिए कि उनका क्या स्टैंड है?”
It’s been a day since Karnataka BJP scrapped 4% quota for poor Muslims. It was redistributed to Vokkaliggas & Lingayats who are dominant forward castes. They also already had quota. BJP’s Muslim hatred is well known. But Congress & JDS are also silent. What’s their stand?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 26, 2023
रविवार को गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक दौरे पर थे और उन्होंने बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने बोम्मई सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों को आरक्षण देने की पहल बधाई के लायक है।