कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने राज्य में मुसलमानों को दिया जाने वाला 4 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया है।सरकार ने इस आरक्षण को खत्म करके दो प्रमुख समुदायों, वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा में बांट दिया है। इस फैसले के साथ ही बीजेपी सरकार ने मुसलमानों को 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) श्रेणी में ट्रांसफर करने का फैसला लिया है ।
जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने बताया कि विधानसभा चुनावों से पहले, विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) सहित कई राजनीतिक दल, मुस्लिम वोटों को हासिल करने के वादे करने में एक-दूसरे से आगे निकल गए हैं। क्या इससे वोटों का बंटवारा होगा और इसका नतीजों पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है।
बताते चलें कि कर्नाटक राज्य में हिंदू बहुसंख्यक हैं। हिंदू धर्म कर्नाटक की आबादी का 84.00% है। कर्नाटक राज्य के 30 में से 30 जिलों में सभी हिंदू बहुसंख्यक धर्म हैं। 2022 और 2023 के लिए डेटा प्रक्रियाधीन है और कुछ हफ्तों में अपडेट किया जाएगा।
कर्नाटक में मुस्लिम जनसंख्या कुल 6.11 करोड़ में से 78.93 लाख (12.92 प्रतिशत) है। कर्नाटक में ईसाई जनसंख्या कुल 6.11 करोड़ में से 11.43 लाख (1.87 प्रतिशत) है।