सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से ‘ऑपरेशन कावेरी’ चलाई जा रही है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ऑपरेशन कावेरी के तहत भारत ने सूडान से लगभग 3,800 लोगों को बचाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि 47 लोगों के जत्थे के साथ भारतीय वायुसेना का एक और विमान जेद्दा से दिल्ली के लिए रवाना हुआ. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सूडान से 47 लोगों के साथ IAF C-130J विमान जेद्दा से दिल्ली के रास्ते में है. ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से अब तक करीब 3,800 लोगों को बचाया जा चुका है.”
पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश में पिछले महीने संघर्ष शुरू होने के बाद से भारत ऑपरेशन कावेरी के तहत अपने नागरिकों को निकाल रहा है. 15 अप्रैल को खार्तूम और सूडान के अन्य हिस्सों में संघर्ष शुरू होने के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन शुरू किया. सरकार ने सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजों और वायु सेना के विमानों को तुरंत तैनात कर दिया. ऑपरेशन कावेरी के 10 दिनों के दौरान, कई जत्थों में सैकड़ों भारतीयों को निकाला गया है. दूतावास ने सूडान के विभिन्न हिस्सों से पोर्ट सूडान तक पहुंचने के लिए बसों की आवाजाही और सुविधा प्रदान की है.
An Indian Air Force C130 J flight carrying 47 passengers has landed in India.
With this arrival, 3862 persons have been moved out of Sudan through #OperationKaveri.
Prime Minister @narendramodi ’s commitment to ensuring the safety and security of all Indians abroad was our… pic.twitter.com/Ham0Ci3zdh
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 5, 2023
भारत ने सुरक्षा की वर्तमान स्थिति को देखते हुए हिंसाग्रस्त सूडान में अपने दूतावास को खार्तूम से पोर्ट सूडान स्थानांतरित करने का फैसला किया है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘सूडान में सुरक्षा की वर्तमान स्थिति एवं खार्तूम शहर में हमलों को देखते हुए खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास को अस्थायी तौर पर पोर्ट सूडान स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है.’
860,000 लोगों के सूडान में लड़ाई से पड़ोसी देशों में भाग जाने का अनुमान है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, UNHCR ने गुरुवार को विस्थापितों की सहायता के लिए 445 मिलियन अमरीकी डालर की अपील की. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक लड़ाई से सूडान के अंदर 330,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं और 100,000 से अधिक लोगों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.