किसी देश की आर्थिक प्रगति को आकार देने मेें उसके बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता की एक अहम भूमिका होती है। हमारे देश के एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की प्रक्रिया मेें गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा एक महत्वपूर्ण मूलभूत तत्व है। इसी तथ्य को ध्यान मेें रखते हुए, श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बुनियादी ढांचे को अपने विकास के एजेेंडे मेें सबसे ऊपर व केन्द्र मेें रखा है।
अतीत मेें, बुनियादी ढांचे से जुड़़ी परियोजनाओं को अत्यधिक देरी का सामना करना पड़ता था। लेकिन पिछले नौ वर्षषों के दौरान, बड़़ी सोच और बिना किसी देरी के काम को पूरा करना देश मेें बुनियादी ढांचे के विकास की पहचान रही है।
प्रधानमंत्री ने नियमित रूप से प्रगति प्लेटफॉर्म के जरिए परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी की है, जिसके कारण बुनियादी ढांचे की विभिन्न विलंबित व नई घोषित परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
कनेक्टिविटी
अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी की सुविधा पहुुंचाने के लक्ष्य के अनुरूप, राजमार्ग निर्माण का दैनिक औसत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और यह 2014 के पूर्व के स्त्रोतों की तुलना मेें लगातार अधिक बना हुआ है। इसी तरह, ग्रामीण सड़कों के निर्माण मेें हुई तेज वृद्धि ने दूरदराज के इलाक़ों मेें सड़क तक पहुंच को लगभग सर्वसुलभ बना दिया है। भारतीय रेल ने भी पिछले नौ वर्षों के दौरान रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और रेलवे पटरियोों के विद्युतीकरण के जरिए बड़़े पैमाने पर अपनी क्षमता का विस्तार किया है। भारत की पहलीस्वदेशी सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की कहानी कहती है।
इंफ्रास्ट्रक्टर पर जोर
मोदी सरकार ने इस वर्ष बजट में इंफ्रास्ट्रक्टर पर खर्च करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये रखे है। देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में स्वदेशी वंदे भारत मेट्रो का संचालन सफलतापूर्वक हो रहा है। वहीं अब वॉटर मेट्रो से ट्रांसपोर्ट सिस्टम को जोड़ने की तैयारी भी हो गई है। देश भर के अलग अलग शहरों में इलेक्ट्रिक बसें भी तेजी से उतारी जा रही हैं, जिससे साबित होता है कि कनेक्टिविटी और विकास देश के हर राज्य से जुड़ रहा है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र है कि राज्यों के विकास से देश विकसित होगा।
हाई-स्पीड रेल
केंद्र की मोदी सरकार भारत में हाई-स्पीड रेल (Bullet Train) लेकर आई है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना, जापान के सहयोग से, इंटरसिटी यात्रा में रिवोल्यूशन लाने के लिए तैयार है, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। यह परियोजना न केवल तकनीकी प्रगति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ संबंधों को भी मजबूत करती है।
वंदे भारत एक्सप्रेस
भारत की गौरव गाथा में वंदे भारत ट्रेन ने बड़ा योगदान दिया है। इस अत्याधुनिक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन ने देश में रेल यात्रा में क्रांति ला दी है, कनेक्टिविटी को बढ़ाया है और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है। अपनी अत्याधुनिक तकनीक और बेहतर सुविधा के साथ, इसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को आकर्षित किया है, पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया है और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। साथ ही तेजस ट्रेनों को भी लाया गया है। ये ट्रेनें प्राइवेट हाथों में हैं। डबल डेकर ट्रनों के भी इंट्रोड्यूस किया गया है।
रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन
कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए, मोदी सरकार ने रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन पर बहुत जोर दिया है। ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन के 100% इलेक्ट्रिफिकेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सख्ती से पालन किया गया है, जिससे ईंधन की लागत में काफी बचत और ग्रीन रेलवे सिस्टम का रास्ता खुला है। इस संक्रमण ने न केवल प्रदूषण को कम किया है, बल्कि ट्रेन संचालन की गति और दक्षता को भी बढ़ाया है।