मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में लगभग 300 फीट गहरे बोरवेल के में गिरी ढाई साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने में सेना की मदद ली जा रही है। वहीं कई विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है और रोबोट की मदद लेने की भी तैयारी चल रही है। बताते चलें कि सीहोर जिले के मुंगावली गांव में मंगलवार दोपहर राहुल कुशवाहा की ढाई साल की बच्ची सृष्टि घर के पास ही खेत में खेल रही थी, इसी बीच वह खुले बोरवेल में जा गिरी। बच्ची पहले 25 फुट की गहराई पर थी और उसके बाद से वह लगातार नीचे खिसकती जा रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दल बचाव काम में लगे हुए है। बुधवार से सेना को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया।
बच्ची अब तक फिसलकर करीब150 फीट नीचे पहुंच गई है। दिल्ली और जोधपुर से पहुंची एक्सपर्ट टीम ने सुबह करीब 9 बजे मोर्चा संभाला है। बच्ची को रोबोटिक आर्म की मदद से निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, दो राक ड्रिल मशीन से बोरवेल के समानांतर गड्ढे की खोदाई भी जारी है। सुबह 9 बजे तक 40 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया है।
बताते चलें कि बुधवार को बैरागढ़ इलेक्टि्कल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ईएमई) सेंटर से पहुंचे सेना के जवानों ने रेस्क्यू आपरेशन का तरीका बदला। उन्होंने रॉड के हुक में फंसाकर बच्ची को निकालने की कोशिश की। ऐसा लग ही रहा था कि बच्ची को इसके माध्यम से निकाल लिया जाएगा। लेकिन सृष्टि 90 फीट ऊपर तक आने के बाद सिर्फ 10 फीट दूर थी, तभी हुक से वह छूट गई और खिसक कर 150 फीट नीचे पहुंच गई। मध्य प्रदेश में बीते साल भी इसी तरह के हादसे हो चुके हैं।
बैतूल में इसी तरह बोरवेल में 6 साल का बच्चा फंस गया था, जहां 84 घंटे बाद बच्चे का शव बाहर निकाला गया था। यह घटनाक्रम बैतूल के मांडवी गांव में हुआ था, जहां बच्चा बोरवेल में गिर गया था। उस वक्त बच्चा दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था तभी अचानक खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया। वहीं इसके बाद बोरवेल से बच्ची की आवाज आने पर परिजनों और आसपास के लोगों ने इसकी सूचना रेस्क्यू टीम को दी, जहां मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर तो निकाला, लेकिन बच्चा मृत अवस्था में बाहर आया था।