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क्या पंजाब में बीजेपी के हिमंत बिस्वा सरमा साबित होंगे सुनील जाखड़? एक हिंदू नेता जो सिखों में भी लोकप्रिय

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में मंगलवार को बीजेपी ने 4 राज्यों के नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की। इसमें पंजाब भी शामिल है जहां पर बीजेपी ने कांग्रेस से आए सुनील जाखड़ को पंजाब प्रदेश का अध्यक्ष बनाया। सुनील जाखड़ एक हिंदू नेता हैं और बीजेपी को पंजाब में ऐसे नेता की जरूरत थी, जो सिखों के साथ-साथ हिंदुओं को भी एकजुट कर सके। बता दें कि सुनील जाखड़ की स्वीकार्यता हिंदुओं के साथ-साथ सिखों में भी है और वह दोनों ही समुदायों में काफी लोकप्रिय हैं।

सुनील जाखड़ 2017 से लेकर 2021 तक कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष थे और वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में भी काम कर चुके हैं। सुनील जाखड़ का पंजाब की राजनीति में कद काफी बड़ा है और जब वह कांग्रेस में थे तब भी कद्दावर नेता थे। सुनील जाखड़ तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी रह चुके हैं और गुरदासपुर से विनोद खन्ना के निधन के बाद सांसद भी रह चुके हैं। पंजाब के अबोहर क्षेत्र में उनका दबदबा है और उसके आसपास के जिलों में भी उनकी स्वीकृत है।

अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या सुनील जाखड़ भी बीजेपी के हेमंत बिस्वा सरमा साबित होंगे। बता दें कि हेमंत भी कांग्रेस से भाजपा में आए थे और उसके बाद उन्होंने पूरे नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी की सरकार बनवा दी। बीजेपी को यही उम्मीद सुनील जाखड़ से भी है और बीजेपी लंबे समय से पंजाब में एक ऐसे चेहरे की तलाश कर रही थी, जो हिंदुओं के साथ-साथ सिखों में भी लोकप्रिय हो। बता दे कि पंजाब में सिखों के अलावा 38 फीसदी हिंदू आबादी भी रहती है।

जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उसके बाद कांग्रेस के अंदर सुनील जाखड़ को सीएम बनाने की चर्चा चल रही थी। लेकिन बाद में वह सीएम नहीं बन पाए और उसका दर्द भी उन्हें हुआ था। उन्होंने साफ कहा था कि हिंदू होने की वजह से ही वह सीएम नहीं बन पाए। जबकि राहुल गांधी की पसंद सुनील जाखड़ ही थे।

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