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क्या बिहार में सबकुछ ठीक नहीं है? क्या इशारों-इशारों में लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार की दावेदारी का किया विरोध?

बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इस बैठक में तकरीबन 17 दलों ने हिस्सा लिया था। जब से यह बैठक हुई है, उसके बाद से ही यह देखने को मिल रहा है कि विपक्षी दलों में सब ठीक नहीं चल रहा है। इस बैठक के दिन ही आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया।

उसके बाद ममता बनर्जी की पार्टी भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए नजर आई। वहीं इस बैठक को 10 दिन भी नहीं बीते थे और शरद पवार की पार्टी एनसीपी में टूट हो गई। शरद पवार के भतीजे करीब 32 विधायक लेके बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गए। उनको महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री भी बना दिया गया।

आपको बता दें कि जबसे महाराष्ट्र में NCP में बंटवारा हुआ है, उसके बाद से बिहार में भी राजनीतिक पार्टियों के बीच कुछ ठीक नहीं लग रहा है। पहले तो NDA में शामिल दलों की ओर से कहा गया कि जल्द ही महाराष्ट्र वाला हाल बिहार में भी हो सकता है। इस बात से उनसब का इशारा नीतीश कुमार की JDU के ऊपर था। सबका यही मानना है कि नीतीश कुमार की JDU कभी भी टूट सकती है। आपको बता दें कि दूसरी तरफ गुरुवार को लालू प्रसाद के द्वारा दिए एक बयान भी JDU और RJD में अनबन होने का कारण हो सकती है। जब पटना में विपक्षी पार्टियां प्रेस को संबोधित कर रही थी तो लालू यादव ने राहुल गांधी से शादी करने के लिए बोला था।

अब गुरुवार को लालू प्रसाद ने अपने बयान में कहा कि पीएम के जीवन में पत्नी की भूमिका तो होनी ही चाहिए। इस बयान से ऐसा लग रहा है कि लालू यादव ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़ाने का मन बना लिया है। अगर ऐसा है तो नीतीश कुमार, जो पीएम उम्मीदवार होने की लालसा रखते हैं उनके लिए यह बयान काफी झटके देने वाला हो सकता है।

वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी का नाम लैंड फ़ॉर जॉब घोटाले के चार्जशीट में डाला गया है। तो क्या इस बात का फायदा उठा कर क्या नीतीश कुमार RJD से गठबंधन तोड़ सकते हैं? ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि पिछले बार जब नीतीश कुमार ने RJD से गठबंधन तोड़ा था उस वक्त तेजस्वी यादव का घोटाले में नाम आना ही कारण बताया गया था।

वहीं सूत्रों से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक JDU की BJP के साथ गठबंधन में जाने की भी चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि पिछले दिनों नीतीश कुमार की मुलाकात राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह से हुई थी। हरिवंश नारायण सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं।

नीतीश कुमार के NDA में आने की चर्चाओं के बीच बिहार बीजेपी भी दो गुटों में बंटा दिख रहा है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन में आने के खिलाफ हैं वहीं उपेंद्र कुशवाहा भी इसके विरोध में हैं। सूत्रों से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक सुशील मोदी NDA में नीतीश कुमार के एंट्री के पक्ष में हैं। अब बिहार की राजनीति किस करवट जाती है ये देखना दिलचस्प होगा।

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