अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिडनबर्ग पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमें नुकसान पहुंचाने के मकसद से हिंडनबर्ग ने हमारे ऊपर अपनी रिपोर्ट में गलत और बेबुनियाद आरोप लगाए थे। गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों का कॉम्बिनेशन थी। उनमें से अधिकांश 2004 से 2015 के बीच के हैं। यह रिपोर्ट एक जानबूझकर और दुर्भावना से प्रेरित थी, जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।
गौतम अडानी ने कहा कि शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अपने मंसूबों और अपने फायदे के लिए हमारे खिलाफ गलत रिपोर्ट निकाली थी। इसकी टाइमिंग जानबूझकर वही रखी गई थी, जब अडानी का एफपीओ जारी किया गया था। हमने अपने निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए FPO यानी फॉलोऑन पब्लिक ऑफर को वापस ले लिया। हमने निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए ऐसा फैसला लिया, ताकि उन्हें हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट का नुकसान न झेलना पड़े।
गौतम अडानी ने कहा कि रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद हमने इसका खंडन किया। शॉर्ट सेलर फर्म द्वारा अपने निहित स्वार्थ के लिए इन दावों से फायदा उठाने की कोशिश की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विभिन्न समाचारों में भ्रामक कहानी को प्रचारित किया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन कर मामले की जांच की। उन्होंने कहा कि मई 2023 में रिपोर्ट सार्वजनिक की गई और इस रिपोर्ट में कोई नियामक गड़बड़ी नहीं मिली। इससे साफ है कि भारतीय बाजार को अस्थिर करने की कोशिश की गई।