केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है और नया प्रस्तावित कानून उन लोगों को अधिकार और न्याय प्रदान करेगा जिनके साथ 70 वर्षों तक अन्यायपूर्ण व्यवहार किया गया और अपमानित किया गया तथा नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में पिछले लगभग छह वर्षों में गिरावट देखी गई है और 2023 में अब तक की सबसे कम संख्या दर्ज की गई है।
आंकड़े देते हुए शाह ने कहा कि इस साल, 15 नवंबर तक, जम्मू-कश्मीर में 41 “आतंकवादी प्रेरित” घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले साल 125, 2021 में 129, 2020 में 126, 2019 में 153 और 2018 में 228 घटनाएं हुईं।
आगे शाह ने कहा की पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं। पहले कश्मीर में 46 सीटें थीं, अब 47 हैं। अन्य 24 सीटें पीओके में हैं और ये आरक्षित हैं क्योंकि पीओके हमारा है, शाह ने सीटों के वितरण की घोषणा करते हुए कहा।
विधेयक उपराज्यपाल को दो से अधिक सदस्यों को नामित करने का अधिकार देगा, जिनमें से एक महिला होगी, कश्मीरी प्रवासियों के समुदाय से और एक सदस्य पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों में से होगा।