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गठबंधन सरकार के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था बनी रहेगी मजबूत, मशहूर अर्थशास्त्री बने हैं आशावादी

बीजेपी को निर्णायक जनादेश नहीं मिलने के बावजूद ब्रोकरेज कंपनियां भारत की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक बनी हुई हैं। हालांकि कुछ ब्रोकर भारत के महंगे मूल्यांकन पर असर पड़ने और अल्पावधि में समेकन की बात कह रहे हैं। कुछ विश्लेषक मान रहे हैं कि मजबूत आय और आर्थिक वृद्धि की संभावना प्रबल बनी हुई है और निवेशक चुनाव नतीजों के बाद आई गिरावट में खरीदारी की सोच सकते हैं।

हालांकि कुछ ब्रोकरों ने सामाजिक योजनाओं और सब्सिडी से जुड़े खर्च में संभावित वृद्धि पर चिंता जताई है, लेकिन उनका मानना है कि इसका राजकोषीय स्थिति पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

इंडिया इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई की अगुआई में मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में कहा गया है की भाजपा बहुमत से पीछे रह गई है, लेकिन हम यह मानकर चल रहे हैं कि भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अगली सरकार बनाने की संभावना है।

बताते चलें कि देसाई ने कहा कि वर्ष 2019 की तुलना में भाजपा को सीटों का नुकसान काफी हद तक स्थानीय और गैर-आर्थिक मुद्दों के कारण हुआ और भाजपा-नीत राजग सरकार के वृहद आर्थिक स्थायित्व से पीछे हटने की संभावना नहीं है, क्योंकि यह उसकी आर्थिक नीति का मूल है। हालांकि मॉर्गन स्टेनली ने यह भी चेतावनी दी है कि राजग गठबंधन के अंदर किसी बात पर सहमति नहीं बनी तो शेयर बाजार ने उसके असर को शामिल नहीं किया है।

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