देश इस वक़्त कोरोना संकट से जूझ रहा है। कोरोना संकट के बीच देश के आम नागरिक की बात सरकार तक पहुंचाने के लिए जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी कोरोना काल में 10 राज्यों में 20,000 किलोमीटर से अधिक का सफर किया। जिसमें सभी तबकों की बात प्रदीप भंडारी ने देश के सामने रखी। इसी बीच जन की बात का सफर जा पहुंचा देश के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर जायजा लिया गया, कि आखिर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के लोग क्या सोचते है?
PM Modi constituency Varanasi is happy with his COVID handling : Pradeep Bhandari #GroundReport@narendramodi@pradip103#JanKiBaatonVaranasi pic.twitter.com/783lFktoYo
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) June 13, 2020
लॉकडाउन की क्या है स्थिति?
वाराणसी का दशाश्वमेध घाट वहीं इलाका है, जहां पर प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव जीत के बाद आरती करने आए थे। लॉकडाउन से पहले यहां पर पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी। लॉकडाउन पर लोगों से बात करने पर पता चला कि पुलिस लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवा रही है। बाजार में दुकान ऑड इवन के हिसाब से खुल रही है। लोगों ने बताया कि पुलिस बाजार में फालतू घूमने वाले लोगों पर कार्यवाही भी कर रही है। जब प्रदीप भंडारी ने कोरोना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के कदमों को लेकर लोगों से पूछा तो लोगों ने प्रधानमंत्री के कदमों की सराहना की, और लोगों ने कहा कि वह कोरोना प्रबंधन को लेकर प्रधानमंत्री को 10 में से 10 अंक देते है।। जब हमने लॉकडाउन खोलने को लेकर सवाल पूछने पर लोगों ने कहा कि लॉकडाउन को अब खोलना चाहिए। इससे काफी नुकसान ही रहा है। साड़ी विक्रेता ने बताया कि वाराणसी में केस कम होने का सबसे बड़ा कारण है कि लोग जान गए है कि अब कोरोना के साथ ही जीना होगा। यहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कर रहें है।
प्रदीप एनालिसिस
वाराणसी में लोग लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर रहे है। लोग अब सरकार से लॉकडाउन खोलने की मांग कर रहे हैं। लोग जान गए कि उन्हें कोरोना के साथ जीना होगा केवल सोशल डिस्टेंसिंग से ही कोरोना से बचाव किया जा सकता है। जैसा प्रधानमंत्री ने कहा है कि जान है तो जहान है, हमें कोरोना से बचाव करते हुए धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को खोलना होगा।