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सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट आदेश के बाद किसी भी समय उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं- प्रदीप भंडारी की दलील

बुधवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने फ्लोर टेस्ट पर चल रहे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को लेकर अपने मुकदमे की शुरुआत की. प्रदीप भंडारी ने कहा कि,’उद्धव ठाकरे खेमे में अभी बहुत घबराहट है, क्योंकि मेरे सूत्र मुझे बता रहे हैं अगर सुप्रीम कोर्ट फ्लोर टेस्ट पर रोक नही लगाएंगे तो उद्धव ठाकरे किसी भी समय मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. एनसीपी के जयंत पाटिल ने अभी मंत्री परिषद की मीटिंग के बाद कहा उद्धव ठाकरे ने इशारा दिया है कि 2.5 साल से सरकार ने काफी अच्छा काम किया है, और उनके खुद के लोगों ने उनके साथ वफादारी नहीं निभाई. मतलब साफ है उद्धव ठाकरे को यह पता है कि वह फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर सकते.

सुप्रीम कोर्ट के अंदर डॉक्टर मनु सिंघवी ने दलील देने की कोशिश करी कि जब तक 11 तारीख तक सुप्रीम कोर्ट में अयोग्यता नोटिस लंबित है तब तक सुप्रीम कोर्ट फ्लोर टेस्ट के लिए गवर्नर को आदेश नहीं दे सकते.  उन्होंने कहा कल गवर्नर कोविड से सही हुए हैं उसके बाद देवेंद्र फडणवीस उनसे मिले, उसके तुरंत बाद ही फ्लोर टेस्ट के आदेश दे दिए गए.

पूर्व एएसजी नीरज कौल की दलील कि अगर आप बात करें तो उन्होंने तीन मुख्य जजमेंट को कोट किया. शिवराज चौहान जजमेंट और रबिया जजमेंट को कोट किया और इन दोनों जजमेंट को लेकर उन्होंने अपनी शुरुआती दलील रखी और कहा सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा से अपने तमाम जजमेंट में कहां है फ्लोर टेस्ट में बताने का एक तरीका होता है कि सरकार बहुमत में है या नहीं. और साथ में एक शब्द का इस्तेमाल किया गया होपलेस माइनॉरिटी, मतलब 14 से 16 लोग कैसे यह निर्धारित कर सकते हैं कि महाराष्ट्र में नई सरकार आएगी या नहीं.

सवाल यह है अगर उद्धव ठाकरे सरकार को यह भरोसा है बहुमत उनके साथ है तो उद्धव ठाकरे फ्लोर टेस्ट को कैंसिल करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं.

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