मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो चुके हैं। इन 9 सालो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र के लिए काम किया गया है। प्रधानमंत्री ने देश के हर राज्य को महत्व देते हुए काम किया है। आजादी के बाद से ही लगभग उपेक्षित रहे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष ध्यान दिया है। आज हम बात करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तरपूर्व राज्यों में किए गए विकास कार्यों के बारे में।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है और सरकार की उत्तर – पूर्व नीति इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने के लिए उसके प्रयासों को प्रतिबिंबित करती है। सरकार ने अपनी उत्तर-पूर्व नीति के माध्यम से आर्थिक विकास, आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण और संवर्धन पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।
पिछले नौ वर्षों में दिल्ली अब खुद प्रधानमंत्री, उनके सहयोगी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के नियमित दौरे के माध्यम से उत्तर-पूर्व के दरवाजे पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री, देश और विश्व के बाकी हिस्सों के लिए उत्तर-पूर्व संस्कृति के एक दूत बन गए हैं।
पिछले नौ वर्षों में उत्तर-पूर्व में आर्थिक विकास के लिए विशेष निवेश किया गया है। पिछले 9 वर्षों के दौरान कई परियोजनाएं पूरी की गई हैं। साल 2017 से 2023 की अवधि में उत्तर पूर्व विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) के तहत 145 परियोजनाओं के लिए लगभग 3400 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
वहीं, साल 2014-22 की अवधि के दौरान उत्तर-पूर्व क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 15867.01 करोड़ रुपये की 1,350 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय बजट 2022-23 के एक हिस्से के तहत उत्तर- पूर्व क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) की घोषणा की गई।
आपको बता दें कि कई दशकों से कनेक्टिविटी की कमी और खराब बुनियादी ढांचा इस क्षेत्र के अलगाव का मुख्य कारण बना हुआ था। पिछले नौ वर्षों में लंबे समय से लंबित अनगिनत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा किया गया इनमें प्रतिष्ठित परियोजनाएं जैसे कि बोगीबील पुल, जिसका उदघाटन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी की घोषणा के 16 साल बाद 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
रेलवे नेटवर्क का विस्तार, क्षेत्र में नए हवाईअड्डों का परिचालन के साथ ही उत्तर- पूर्व के पहले एम्स सहित नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना शामिल हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के प्रभाव को इस क्षेत्र में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के रूप में देखा जा सकता है।
मोदी सरकार के द्वारा उठाए गए प्रभावी कदमों के कारण उत्तर-पूर्व में सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साल 2014 के बाद से चरमपंथी घटनाओं और इसके चलते सुरक्षाकर्मियों व नागरिकों की मौत में भारी कमी आई है। शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने से क्षेत्र में शांति और हिंसा में कमी आई है। इन प्रयासों ने क्षेत्र में अफ्स्पा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून) के दायरे को कम करने का रास्ता दिखाया है।